भारतीय क्रिकेट टीम का मौहाल इन दिनों विराट कोहली की कप्तानी में पूरी तरह से अलग ही बना हुआ है। पिछले कुछ समय से विराट कोहली एंड कंपनी के साथ कई युवा खिलाड़ियों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया है। इन युवा सितारों में एक हैं प्रतिभाशाली बल्लेबाज पृथ्वी शॉ….
पृथ्वी शॉ ने भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम को लेकर कही ये बात
पृथ्वी शॉ ने पिछले ही साल अक्टूबर में भारतीय टीम में अपना आगाज किया और आगाज के साथ ही पृथ्वी शॉ ने जबरदस्त शो दिखाया जिससे उन्हें भविष्य का सितारा माना जा रहा है।
विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और आर अश्विन जैसे दिग्गजों के साथ भारतीय के ड्रेसिंग रूम को शेयर करने वाले पृथ्वी शॉ के लिए ये माहौल बिल्कुल ही जुदा है। जिससे उनके बारे में ये कहा जा सकता है कि आखिर वो इन सीनियर खिलाड़ियों के साथ कैसा महसूस करते होंगे।
भारतीय ड्रेसिंग रूम में नहीं है सीनियर-जूनियर में अंतर
लेकिन नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दिल्ली केपिटल्स की टीम के साथ तैयारी में जुटे पृथ्वी शॉ ने रविवार को बातचीत करते हुए भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम के माहौल से लकर कई बातें साझा की।
पृथ्वी शॉ ने कहा कि
“मैंने बहुत कुछ सीखा है। मेरा मतलब है कि जब मैं पहली बार उस ड्रेसिंग रूम में दाखिल हुआ, तो मेरे सामने 10 साल का अनुभव रखने वाले खिलाड़ी थी। जिससे मैं थोड़ा नर्वस था। जब कप्तान और कोच ने कहा कि कोई सीनियर या जूनियर नहीं हैं, तो आप खुल जाते हैं और उन्हें अपने सवाल कर लेते हैं।”
ऑस्ट्रेलिया में खेलना चाहता था टेस्ट सीरीज के कुछ मैच
ऑस्ट्रेलिया में दर्दनाक चोट के शिकार हुए पृथ्वी ने वहां की स्थिति को लेकर कहा
“किसी ने मुझे मेहनत नहीं करने के बारे में किसी ने भी नहीं बताया। मैं खेलना चाहता था लेकिन चोटिल हो गया। मुझे लगा है, कि मैं तीसरा टेस्ट खेल सकता हूं, लेकिन तब सुधार धीमी गति से हुआ।”
“अगर आप मेरे टखने पर नजर डालते हैं, तो आप जानते होंगे कि ये वास्तव में दर्दनाक था। टखना जल्दी से ठीक नहीं हो रहा था और मुझे वापस लौटना पड़ा।”
पृथ्वी ने एनसीए में पुर्नवास के दौर को लेकर कहा कि
“मेरा मतलब है कि सब कुछ वहां परिपूर्ण था। मैंने वहां काफी सत्र बिताएं। मैं मुश्ताक अली ट्रॉफी से पहले फिट होने पर काम कर रहा था, क्योंकि मैं चाहता था कि टी-20 फॉर्मेट में काम करूं और फिर आईपीएल में जाऊं। इस तरह मैंने दो महीनें पुर्नवसन की योजना बनायी। प्रशिक्षक और फिजियो प्रतिबद्ध थे।”
वनडे क्रिकेट में किसी भी क्रम पर परिस्थिति के हिसाब से होती है बल्लेबाजी
पृथ्वी शॉ ने बल्लेबाजी क्रम को लेकर कहा कि
“भारत के लिए सबकुछ वैसा है जैसे वो कोई भी नंबर पर मुझसे बल्लेबाजी चाहते हैं दूसरे तरीके से नहीं। जब मैं लिमिटेड ओवर में ओपनिंग करता हूं तो मेरी मानसिकता अलग होती है। दो खिलाड़ी 30 यार्ड सर्कल से बाहर होते हैं और पावर प्ले होता है।”
“लेकिन जब मैं बल्लेबाजी क्रम में नीचे आता हूं तो जाहिर तौर पर ये बदल जाएगा। मैंने कई अनुभवी खिलाड़ियों को देखा है। मैं इसे देखता हूं अगर मैं नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने जाता हूं कि मैं वहां क्या करूंगा। ये पूरा हमारी मानसिकता पर है कि आप उस स्थिति को कैसे संभालते हैं।”
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