सौराष्ट्र के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 में बैंगलुरू में की। इसके बाद धीरे-धीरे चेतेश्वर पुजारा भारतीय क्रिकेट की नई दिवार के रूप में उभरने लगे। भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद पुजारा ने द्रविड़ की कमी को महसूस नहीं होने दिया और अपने आप को राहुल द्रविड़ के स्थान पर स्थापित कर लिया।
चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय टीम को कई बार राहुल द्रविड की तरह ही मुश्किलों से उबारकर साबित कर दिया कि उनसे बेहतर भारतीय टीम के लिए नंबर तीन का विकल्प और कोई नहीं हो सकता। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के रांची में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 451 के स्कोर के सामने पिच पर अंगद की तरह जम गए और 525 गेंदों पर 202 रनों की बेमिसाल पारी खेली। पुजारा और साहा की जोड़ी ने तोड़ा 69 साल पुराना रिकॉर्ड
धोनी के शहर रांची में पहली बार हो रहे टेस्ट मैच में पुजारा ने इस शानदार पारी से इस मैदान के लिए ऐतिहासिक पल को दोगुना कर दिया। पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक और दोहरा शतक जड़ द वॉल राहुल द्रविड़ को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक जमाने के मामले में पीछे छोड़ दिया। और साथ ही पुजारा ने ये कारमाना कर सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की बराबरी पर आ गए। सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो-दो दोहरे शतक बनाए है।पुजारा की मैराथन पारी के बाद ट्विटर पर रोहित शर्मा से लेकर सभी ने दी उन्हें जमकर बधाई
चेतेश्वर पुजारा भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो दोहरे शतक पुरे कर चुके है। इससे पहले पुजारा ने 2013 में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हैदराबाद टेस्ट मैच में 2 मार्च 2013 को 204 रन की पारी खेली थी। पुजारा ने इसके साथ ही राहुल द्रविड को एक और मामले में पीछे छोड़ा है। पुजारा ने अपनी इस पारी में 525 गेंदो का सामना कर भारत के टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा गेंद खेलने वाले बल्लेबाज बन गए है। इससे पहले ये रिकॉर्ड राहुल द्रविड़ के नाम है जिन्होनें पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में 495 गेंदो का सामना किया था।रांची में दोहरे शतक के साथ ही ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए चेतेश्वर पुजारा