इस स्टेडियम से आज से 91 साल पहले शुरू हुई थी रेडियो कमेंट्री,इस दिग्गज ने बताया था आंखों देखा हाल 1

11 जून 1927 का दिन विश्व क्रिकेट के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इसी दिन आज से लगभग 91 साल पहले पहली बार रेडियो में क्रिकेट कमेंट्री सुनने को मिली थी। यह कमेंट्री इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर पेल्हम वॉर्नर ने की थी। पहली बार क्रिकेट के इतिहास में बॉल बाइ बॉल कमेंट्री की गई थी। नौ साल बाद रेडियो कमेंट्री अपनी पहली शताब्दी पूरी करेगी।

मौजूदा समय में खेल के प्रारूप और कमेंट्री दोनों में काफी बदलाव हुए हैं। लेकिन रेडियो के दौर में कमेंट्री सुनने का अपना अलग ही मजा था। मौजूदा समय में रेडियो की लोकप्रियता में काफी कमी आई है। लेकिन वो दिन अभी नहीं भूले हैं जब खेत खलिहानों में रेडियो की कमेंट्री सुनाई देती थी। आइए एक नजर डालते हैं रेडियो कमेंट्री पर…

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इस मैदान से हुआ था पहला प्रसारण

इस स्टेडियम से आज से 91 साल पहले शुरू हुई थी रेडियो कमेंट्री,इस दिग्गज ने बताया था आंखों देखा हाल 2

रेडियो कमेंट्री का पहला प्रसारण 11 जून 1927 को इंग्लैंड के प्रसिद्धि क्रिकेट स्टेडियम लार्ड्स से किया गया था। लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में 11 जून 1927 को मिडिलसेक्स और नॉटिंघमशॉयर के बीच तीन दिवसीय क्रिकेट मैच का आयोजन किया जाना था। इसी मैच के पहले दिन के पूरे खेल का प्रसारण रेडियो में किया गया।

इस कमेंट्री से पहली बार मैच की जानकारी लोगों तक रेडियो के माध्यम से पहुंचाई गई। कमेंटेटर का नाम पेल्हम वॉर्नर था। ऐसा भी कह जाता कि बॉल बाइ बॉल कमेंट्री का प्रसारण साल 1938 में शुरू हुआ था।

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कौन थे कमेंटटेर पेल्हम

इस स्टेडियम से आज से 91 साल पहले शुरू हुई थी रेडियो कमेंट्री,इस दिग्गज ने बताया था आंखों देखा हाल 3

कमेंटटेर पेल्हम को इंग्लैंड में रेडियो कमेंट्री का जनक माना जाता है। रेडिया में मैच का सीधा प्रसारण करने वाले वो पहले खिलाड़ी थे। पेल्हम का संबध इंग्लैंड क्रिकेट टीम से है। पेल्हम इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। हालांकि पेल्हम का जन्म साल 1873 में वेस्टइंडीज में हुआ था। लेकिन वो बाद में इंग्लैंड आ गए और यहीं पर उन्होंने क्रिकेट के गुर सीखें।

अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में पेल्हम ने कुल 15 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 622 रन भी बनाए। पेल्हम के नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दो अर्धशतक और 1 शतक दर्ज है। लॉर्डस दुनिया का सबसे ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान है। इसे इन्हीं सभी खूबियों की वजह से क्रिकेट का मक्का कहा जाता है।