भारतीय महान बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ ने हाल में एक टीवी शो के दौरान खुलासा किया, कि कब उन्हें सबसे पहले ‘द वॉल’ नाम से पुकारा गया था. कट्टर तकनीक, संयम से कई घंटे तक क्रीज़ पर जमे रहने के लिए मशहुर राहुल अपने करियर के दौरान ‘द वॉल’ निकनेम से जाने गए.
अपनी मजबूत तकनीक के कारण गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसाने वालें द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा गेंदे खेली हैं.
टीवी शो ‘व्हाट द डक’ में विक्रम से बात करते हुए द्रविड़ ने खुलासा किया कि
“‘द वॉल’ सिर्फ एक तरह का सम्मान प्रदान करना नहीं है बल्कि यह मेरी कार्य-प्रणाली भी है.”
‘व्हाट द डक’ के होस्ट विक्रम ने द्रविड़ से पूछा कि कब उन्हें सर्वप्रथम ‘द वॉल’ से पुकारा गया था, 43 वर्ष के पूर्व महान बल्लेबाज़ द्रविड़ ने जवाब देते हुए कहा
“पहली बार का मुझे ठीक-ठीक याद नहीं लेकिन मुझे पता जब मेरी थोड़ी फॉर्म में वापसी हुई तब यह नाम पड़ा. मुझे लगता है कि ये मेरी लम्बी पारी के कारण हुआ, शायद मेरी पारी बोरिंग थी लेकिन मैंने तब हैडलाइन देखी थी ‘द वॉल‘”.
आगे द्रविड़ ने कहा
“मुझे लगता है बाद में, यह मेरे करियर की परछाई बन गयी. सच में मैंने सोचा कि न्यूज़पेपर ऑफिस में डेस्क पर बैठे लड़के और लड़कियां कितनी बुद्धिमान हैं. वास्तव में भविष्य में देखे तो यह जल्दबाजी में लिया हुआ फैसला रहा.लेकिन आज हम देखे तो ‘द वॉल‘ नाम एक सकारात्मक भावना हैं”.
“लेकिन हम भविष्य की हैडलाइन को बदल भी सकते है, जो यह हो सकती है ‘द वॉल‘ के टुकड़े-टुकड़े या ‘द वॉल‘ में दरार, या ‘द वॉल‘ गिर गयी. जैसे कि यह हुआ, जब मैंने सोचा पिच ख़राब है, बाद में, मैं देखता हूँ यह दूसरी न्यूज़पेपर की हैडलाइन बन गयी है. इसलिए मैं मुझे लगता है कि न्यूज़पेपर ऑफिस में जो बैठे लोग बहुत बुद्धिमान हैं”.
दायें हाथ के पूर्व महान बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ ने वर्ष 1996 में श्रीलंका के विरुद्ध एकदिवसीय क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया. द्रविड़ ने भारत के 164 टेस्ट मैचो में 52 की औसत से 13000 से अधिक रन बनायें है, जिस दौरान द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में 36 शतक भी जड़े.
एकदिवसीय क्रिकेट में भी द्रविड़ के नाम 10000 से अधिक रन हैं.