अब रणजी ट्रॉफी का फ़ाइनल मैच खेला जा रहा है. जिसमें बंगाल और सौराष्ट्र की टीम आमने-सामने हैं. ये मैच सौराष्ट्र के मैदान पर खेला जा रहा है. मैच के पहले ही दिन पिच पर गेंदबाजो के लिए कोई भी मदद नहीं थी. इस तरह से पिच पर बोलते हुए बंगाल के कोच अरुण लाल ने बीसीसीआई पर बहुत बड़ा सवाल उठा दिया है.
रणजी ट्रॉफी के फ़ाइनल की पिच पर भड़के बंगाल ले कोच
राजकोट के स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी फ़ाइनल मैच में पिच पर गेंदबाजो के लिए कोई भी मदद नहीं है. अरुण लाल ने भारतीय टीम के लिए 16 टेस्ट और 13 एकदिवसीय मैच भी खेले हैं. जिसके बारें में बोलते हुए बंगाल टीम के मुख्य कोच अरुण लाल ने बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए पीटीआई से कहा कि
” बहुत ही ख़राब विकेट हैं ये, बोर्ड को इन जैसी चीजों पर गौर करना होगा. गेंद ऊपर नहीं आ रही है. यह क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है. गेंद ऑफ नहीं हो रही है, धूल फांक रही है, पलट रही है. जरुरी नहीं है की मैच किसी अलग मैदान पर ही खेला जा रहा है. आपको अलग क्यूरेटर लाना चाहिए. बोर्ड को इसपर बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा. 15 दिन पहले क्यूरेटर को मैदान पर आ जाना चाहिए. क्यूरेटर ने बहुत अच्छा जॉब नहीं किया है.”
सौरव गांगुली से इस बारें में बात करने से किया मना
इस ख़राब पिच के बारें में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से बात करने के बारें में बोलते हुए पूर्व खिलाड़ी अरुण लाल ने कहा कि
“मैं इस बारें में सौरव गांगुली से क्यों बात करें वो मेरा काम नहीं है. हमें बल्लेबाज पर तीसरे सत्र में आक्रमण करना था. आपको रन बनाने होते हैं, जैसे मैंने कहा कि यह खराब विकेट है. मीडियम पेसर एक स्लिप के साथ गेंदबाजी कर रहा है और गेंद को स्लिप पर ले जाने का कोई मौका नहीं है. यह एक अपमान होगा अगर गेंद तीन दिन के बाद मैदान पर लुढ़कने लगे.”
अब रणजी ट्रॉफी जीतने के लिए खेलेंगे बंगाल के खिलाड़ी
मैच जीतने के बारें में बोलते हुए बंगाल के कोच अरुण लाल ने कहा कि
” यह एक लंबा मैच है. 15 सत्र खेले जाने हैं, हमने तीन खेले हैं. हम परिणाम जो भी हो अंत तक लड़ेंगे. हम परिणाम पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं. हम उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हम सबसे अच्छा करते हैं. अगर हम उन्हें पहली पारी में 300 से कम पर रखते हैं, तो मुझे खुशी होगी.”