टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब बचाने के लिए खेल रही है और पहले ही मैच में टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ 124 रनों की विशाल जीत दर्ज कर अपने इरादे साफ़ कर दिए है और यह भी साफ़ कर दिया है, कि चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब इस बार भी टीम इंडिया ही वापस लेकर जाना चाहती है.
अश्विन को नहीं मिली थी पहले मैच में जगह
टीम इंडिया ने सभी को चौकाते हुए पहले मुकाबले में अंतिम 11 में रविचंद्रन अश्विन की जगह हार्दिक पंड्या को मौका दिया गया. टीम ने यह निर्णय पिच को देखते हुए और मौसम को देखते हुए लिया था और अंत में यह फैसला सही भी साबित हुआ, हार्दिक ने पहले बल्ले से तीन गेंदों पर तीन छक्के लगाये और गेंदबाज़ी में भी सरफराज़ अहमद के अहम विकेट समेत दो विकेट अपने नाम किये. आखिरकार अश्विन और जडेजा को पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले क्यों साबित करना पड़ा, हम किसी से कम नहीं?
अश्विन ने खोले कई राज़
टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय टीम से जुड़े कई राज़ खोले, दरअसल एक वेब शो व्हाट द डक में जाने माने स्टैंड अप कॉमेडियन विक्रम साथैय के सवालों का बड़े ही मज़ेदार अंदाज़ में जवाब दिया.
इस वजह से पुजारा नहीं कर सकते चीटिंग
अश्विन ने इस शो की शुरुआत में ही अपनी टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा के बारे में बात करते हुए कहा, कि “पुजारा के पिताजी का मैं शुक्रिया कहना चाहूँगा, कि उन्होंने पुजारा को टेनिस बॉल से क्रिकेट नहीं खेलने दिया. यही वजह है, कि वो कभी भी चीटिंग नहीं कर सकते, क्योंकि टेनिस बॉल से खेलते हुए आपको सबसे पहली चीज़ जो आनी चाहिए वो है चीटिंग.” टीम इंडिया के नए कोच बनाए जाने पर आख़िरकार तोड़ी वीरेंद्र सहवाग ने चुप्पी, दिया बड़ा बयान
एक बार आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद सड़क पर एक व्यक्ति ने किया था शर्मिंदा
अश्विन ने आगे अपनी बात करते हुए कहा, कि आईपीएल में एक बार हमे जीत के लिए एक रन चाहिए था और मैंने गेंद सीधा कैफ के हाथों में मार दी और मैच सुपर ओवर में गया, जो हम अंत में हार गए. उस मैच के बाद किसी को भी याद नहीं रहा, कि सुपर ओवर में मैच मेरे कारण गया, फिर जब मैं अपने घर के बाहर खेल रहा था, तो उस समय एक व्यक्ति मेरे पास आया और बोलने लगा, कि तुमसे एक रन नहीं बना और तुम खुदको प्रोफेशनल क्रिकेटर कहते हो? वो मेरे लिए काफी बुरा पल था.
सहवाग टीम मीटिंग से भागते थे दूर
वीरेंद्र सहवाग के बारे में बात करते हुए अश्विन ने खुलासा किया, कि सहवाग को टीम मीटिंग में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं थी और वो अपने ही अंदाज़ में खेलना पसंद करते थे. अश्विन ने कहा, कि “हमारी टीम मीटिंग हमेशा बस दो मिनट की हुआ करती थी, गैरी पिछले मैच से कुछ बातें ढूंड कर हमे अगले मैच के लिए शुभकामनाए देते थे और फिर वो धोनी से पूछते थे, कि उन्हें कुछ कहना है और धोनी कुछ नहीं कहते थे और मीटिंग खत्म हो जाती थी.“
आगे अश्विन ने बताया, कि एक बार 2011 विश्वकप के समय इंग्लैंड के खिलाफ मैच से पहले सहवाग ने गैरी से कहा, कि उन्हें कुछ ज़रूरी बात करनी है, गैरी ने मीटिंग शुरू होने पर वीरू को बुलाया और हम सब सोच रहे थे, कि वीरू कोई नई रणनीति बतायेंगे या ऐसा ही कुछ, लेकिन वीरू ने सबके सामने पूछा कि हमे कितने कॉम्प्लीमेंट्री पास मिलते है और हम सभी हंसी पर नियंत्रण नहीं रख सके. दरअसल वीरू को कही से पता चला था, कि हर खिलाड़ी को 6 पास मिलते है और हमे केवल 3 ही मिल रहे थे, तो वीरू अपने पास को लेकर काफी चिंतित थे.