एमएस धोनी

टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में अपनी नई किताब Stargazing: The players in my life की थी। इस किताब में उन्होनें कई क्रिकेटर्स के बारे में चर्चा की है। इसमें से एक भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के बारे में भी है। जिसमें उन्होनें बड़ा खुलासा करते हुए धोनी के टेस्ट रिटायरमेंट पर खास बातें बताई हैं। बता दें कि, धोनी ने साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बीच टेस्ट सीरीज के दौरान ही अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी।

धोनी के इस फैसले से सिर्फ उनके फैंस ही नहीं बल्कि दौरे पर मौजूद पूरी भारतीय टीम भी हक्का बक्का रह गई थी। उस दौरान रवि शास्त्री भारतीय टीम के साथ बतौर डायरेक्टर के तौर पर मौजूद थे और वो भी एमएस धोनी के इस फैसले से काफी चौंक गए थे। हालांकि, धोनी के रिटायमेंट के दौरान वहां क्या हुआ था इस बारे में शास्त्री ने अपनी इस किताब में विस्तार से बताया हुआ है। तो आइए इस आर्टिकल में हम इसे डिटेल में जानते हैं..

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एमएस धोनी के टेस्ट रिटायरमेंट की अनसूनी कहानी

December 30, 2014: When MS Dhoni shocked cricket fraternity with sudden Test retirement - Sports News

दरअसल, शास्त्री ने अपनी किताब में उस दिन का पूरा ब्यौरा दिया है, जिस दिन मेलबर्न टेस्ट 2014 के खत्म होने के बाद एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने की बात कही थी। इसी बारे में बात करते हुए शास्त्री ने किताब में लिखा..

“एमएस धोनी के फैसले के बारे में किसी को भी नहीं पता था. मेलबर्न में सीरीज का तीसरा टेस्ट खेला जा रहा था. हमने आखिरी दिन मैच ड्रॉ करा लिया था. धोनी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाना था. उसमें जाने से पहले उन्होंने मुझसे कहा कि रवि भाई, जब मैं वापस लौटूंगा, तो मुझे साथी खिलाड़ियों से बात करनी है. मैंने उन्हें कहा कि आप कप्तान हैं, बिल्कुल बात कर सकते हैं..

धोनी जब प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लौटे तो उन्होनें ऐलान कर दिया कि यह मेरा आखिरी टेस्ट मैच था. धोनी इसी तरह के इंसान हैं. उन्होंने बीच सीरीज में इतना बड़ा फैसला लेकर इस बात को साबित कर दिया था. उन्होंने तब 90 टेस्ट ही खेले थे. उस समय धोनी क्रिकेट के दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी थे. उनके पास दो विश्व कप और एक चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब था..

आईपीएल में भी उनकी तूती बोल रही थी. उनका खुद का फॉर्म अच्छा था और वो 100 टेस्ट से सिर्फ 10 मैच दूर थे. लेकिन फिर भी उन्होंने क्रिकेट को बाय-बाय कह दिया. वो उनमें से नहीं हैं, जो यह सोचे कि 100 या 120 टेस्ट हो जाएं, तो फिर संन्यास लूंगा. उनको लगा कि अब तीनों फॉर्मेट में खेलना मुश्किल है, तो फौरन टेस्ट छोड़ने का फैसला कर लिया”

एमएस धोनी के पास 100 टेस्ट खेलने का मौका था

Why are people in a hurry to see MS Dhoni off, asks Ravi Shastri | Sports News,The Indian Express

शास्त्री ने अपनी इन बातों को आगे बढ़ाते हुए एमएस धोनी की खूबी के बारे में लिखा..

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“हर शख्स अलग होता है और यह धोनी की खूबी ही है, वो ही ऐसा कर सकते हैं, हालांकि, मैंने धोनी को मनाने की कोशिश कि वो अपने फैसले पर दोबारा विचार करें. वो तब भी टीम के 3 सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक थे. उनके पास अपने टेस्ट करियर को और बेहतर करने का मौका था,लेकिन उनके लिए निजी रिकॉर्ड मायने नहीं रखते हैं, हालांकि कुछ के लिए रखते हैं.

वो अपना फैसला बदलने के बारे में क्यो सोचते हैं. लेकिन एमएस धोनी की सोच में दृढ़ता थी, जिसने मुझे इस मसले पर आगे बढ़ने से रोक दिया. यह सही है कि वो जवान नहीं हो रहे थे, लेकिन वो इतने बूढ़े भी नहीं थे. फिर भी उन्होंने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था. अब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे लगता है कि उनका निर्णय़ सही था. वो वाकई बहादुर हैं”