भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी का करियर अब अपने अंतिम पड़ाव पर है ऐसे में अब उनके उत्तराधिकारी के रूप में ऋषभ पंत पर पूरी तरह से भरोसा किया जा रहा है। युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को महेन्द्र सिंह धोनी की गैरमौजूदगी में फिलहाल पूरी तरह से मौका दिया जा रहा है।
ऋषभ पंत उम्मीदों पर नहीं उतर पा रहे हैं खरे
ऋषभ पंत से कई उम्मीदें हैं। हर मैच के साथ पंत पर भरोसा तो किया जा रहा है लेकिन वो अब तक उस भरोसे पर पूरी तरह से खरे नहीं उतर पा रहे हैं। ऐसे में उनकी आलोचना भी होती जा रही है।
दिल्ली के प्रतिभाशाली खिलाड़ी ऋषभ पंत को लगातार मौका दिया जा रहा है। ऋषभ पंत को भारत की तीनों ही फॉर्मेट की टीम में स्थान मिल रहा है। जहां वो भले ही टेस्ट से जगह खो चुके हैं लेकिन टी20 फॉर्मेट में तो पूरा अवसर दिया जा रहा है। जिसके बाद भी उनके बल्ले से खास प्रदर्शन नहीं निकल पा रहा है।
पंत को रवि शास्त्री ने दी ये सलाह
भले ही ऋषभ पंत अब तक इतना ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके हैं लेकिन टीम के कोच रवि शास्त्री उनका पूरा समर्थन कर रहे हैं लेकिन साथ ही सलाह भी दी है। इंडिया टूडे के साथ बात करते हुए रवि शास्त्री ने फिर से कहा कि
“आपको कैश इन करना होगा। आपका काम नैतिक होना चाहिए। आपको अपनी बल्लेबाजी के लिए एक ठोस दृष्टिकोण रखना होगा। आप ये नहीं सोच सकते कि सबकुछ उसी तरह से होने वाला है जैसा कि आप चाहते हैं कि पहली गेंद से हो। नहीं, ऐसा नहीं होगा। ये खेल आपको सिखाता है। ये पागलपन करने की एक विधि भी है। इसलिए उन्हें तरीका सीखना होगा।”
घरेलू क्रिकेट में भेजने के भी दिए संकेत
शास्त्री ने आगे कहा कि” कभी-कभी घरेलू क्रिकेट अच्छा होता है। घरेलू क्रिकेट में दबाव कम होता है। वो भाग्यशाली हैं कि उनकी आयु कम है। “
“अगर वो 3 महीनें या 6 महीनें के लिए गायब हो जाते हैं तो बस वो अपने खेल पर काम करने के लिए तो लोगों को ये नहीं सोचना चाहिए कि उनका इलाज किया जा रहा है। बिल्कुल नहीं। अगर वो होने की जरूरत है तो वो और भी मजबूत से मजबूत बनकर आएंगे।”
इसके साथ रवि शास्त्री ने समर्थन करते हुए कहा कि “उनके बारे में उतना नहीं बोला जाना चाहिए कि अब उनके बारे में बोला जाता है। नहीं वो युवा हैं, उन्हें समय दें। 5 सालों में वो अगर दुनिया में नाम नहीं करते हैं तो इनके बारे में बात करें। वो एक जुनूनी खून हैं।“