2015 विश्व कप के लिए 30 संभावितों की घोषणा हुए 1 दिन हो चूका है,कुछ लोगो की भौंहें तब तन गई जब 2011
विश्वकप विजेता टीम के कुछ खिलाडियों जैसे गौतम गंभीर,वीरेंद्र सहवाग,हरभजन सिंह,युवराज सिंह और जहीर खान को टीम से बाहर रखा गया ।
सहवाग कभी भारत के सबसे खतरनाक ब्ल्ल्लेबजो में से एक थे और उनहोंने भारत के लिए बहुत सारे मैच भी जीते वे तीन विश्व कप में खेले और सभी तीनो विश्वकप में टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे। 2003 में अपने पहले ही विश्वकप में सहवाग ने अपना स्वाभाविक खेल खेला और भारत को विश्वकप का उपविजेता बनाया 2007 में अपने दूसरे संस्करण में सहवाग एक पारी में 100 को पार करने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज थे। 2011 में भारत विश्वकप विजेता रहा और 2003 की तरह ही सहवाग ने सनसनीखेज शुरूआत के साथ विरोधी टीम को बैकफूट पर लाकर खड़ा कर दिया और टीम को जीत दिलायी 
यहाँ 2015 विश्व कप के लिए 30 संभावित खिलाडियो में से सहवाग के बहिष्कार के पीछे कारण है ।
2015 विश्व कप टीम से 36 वर्षीय सहवाग को छोड़ना कई प्रशंसकों के लिए एक आघात हो सकता है लेकिन अनंतिम दस्तों से सहवाग के बहिष्कार के लिए उनका घरेलू प्रदर्शन मुख्य रूप से जिम्मेदार है 
सहवाग ने 19.75 के औसत से 13 पारियो में एक अर्धशतक(हाल ही में विजय हजारे ट्राफी में)की सहायता से केवल 234 रन बनाए हैं ।बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने कहा कि 30 पुरुषों के संभावितों से वीरेंद्र सहवाग को ड्रॉप(छोड़ना) चयनकर्ताओं द्वारा उठाया एक सही कदम है ।क्यूंकि 30 सम्भावित पुरुषों का चयन केवल मौजूदा फार्म के आधार पर किया गया है।
विश्व कप को केवल दो महीने है और ऐसे में पिछले प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन करना भारतीय चयनकर्ताओं ने लिए एक अच्छा कदम नहीं होता।
उन्होंने देश के लिए सहवाग के योगदान को स्वीकार किया और कहा मैं संदीप पाटिल और उनके सहयोगियों द्वारा उठाये इस कदम का समर्थन करता हूँ कि उन्होंने टीम से वीरेंद्र सहवाग को ड्रॉप किया।

Sportzwiki संपादक

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