आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रर्दशन करने के बावजूद भी सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड दौरे पर चुनी गई भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई है. शॉ को बीसीसीआई द्वारा दरकिनार करने की वजह भी सामने आ गई है.
बीसीसीआई के चयनकर्ताओं ने कहा है कि हम शॉ (Prithvi Shaw) को भारतीय टीम में वापस आने के पहले कुछ वजन कम करने की सलाह देते हैं. जिसके बाद शॉ को न चुने जाने को लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स और क्रिकेट फ़ैंस तमाम तरह के अलग-अलग कयास लगा रहे हैं.
तो क्या ये है पृथ्वी शॉ को बाहर करने की वजह?
बीसीसीआई सूत्र ने टाइम्स आफ इंडिया के साथ बातचीत में बताया कि
“उनकी (पृथ्वी शॉ) उम्र 21 साल की होने के बावजूद वो क्रिकेट के मैदान पर काफी धीमे दिखाई देते हैं ऐसे में उन्हें वजन घटाने की जरुरत है. गौरतलब है कि इंडिया के आस्ट्रेलिया दौरे के समय भी उनकी फील्डिंग को लेकर सवाल उठे थे. इसके अलावा मैदान पर उनमें एकाग्रता की कमी देखी गई थी.”
बता दें कि इसके पहले भी इसी कारण कई खिलाड़ी भारतीय टीम से ड्राप किए जा चुके हैं. शॉ (Prithvi Shaw) से पहले ऋषभ पंत की भी वजन को लेकर आलोचना होती थी. इसके बाद उन्होंने इसको लेकर काफी मेहनत की. इसका फायदा भी उन्हें देखने को मिला. जहां एक समय वो क्रिकेट के तीनों फार्मेट से ड्राप किए जा चुके थे तो वहीं कुछ दिन बाद ही वो टीम इंडिया के लिए तीनों फार्मेट में टीम के अहम खिलाड़ी बन गए हैं.
बीसीसीआई ने शॉ की दी फ़िटनेस पर ध्यान देने की सलाह
ऐसे में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को पंत (Rishabh Pant) से सीखने की जरुरत है. बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक शॉ को भी पंत के नक्शेकदम पर चलना होगा. शॉ को आने वाले समय में भी इस प्रर्दशन को बरकरार रखने की आवश्यकता है.
शॉ अच्छे प्रर्दशन के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में चुने जाते हैं लेकिन वो अपने प्रर्दशन को भुनाने में नाकामयाब साबित होते हैं. इसी लिए कुछ समय बाद ही उन्हें राष्ट्रीय टीम से ड्रॉप कर दिया जाता है.
पृथ्वी शॉ को पंत से सीखने की ज़रूरत
शॉ (Prithvi Shaw) के लिए आगे की राह इसलिए भी आसान नहीं हैं क्योंकि कोरोना के चलते भारत में घरेलू क्रिकेट की स्थिति अच्छी नहीं दिखाई दे रही है ऐसे में उनके पास टेस्ट क्रिकेट के लिए खुद को साबित करने के लिए मौके कम होंगे. ऐसे में उनको अपनी फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा.
शॅा ने इस साल विजय हजारे ट्राफी में 827 रन बनाए थे. ये टूर्नामेंट के लिहाज से किसी एक खिलाड़ी के द्वारा बनाए गए एक सीजन में सर्वाधिक रने थे. उन्होंने टूर्नामेंट में तीन बार 150 रन से ज्यादा की पारी खेली थी. जो कि अपने आप में रिकार्ड है. इसके अलावा आईपीएल में भी वो शानदार फार्म में नजर आ रहे थे. शॅा ने 8 मैचों में अभी तक 308 रन बनाए थे.