टीम इंडिया (Team India) ने अपने दक्षिण अफ्रीका दौरे की शुरुआत बेहद ही शानदार तरीके से की थी। भारत ने सेंचुरियन टेस्ट में 113 रनों से जीत हासिल की थी लेकिन इसके बाद तो मानो ऐसा लगा कि टीम इंडिया (Team India) को सांप सूंघ गया हो और यह टीम जीतना ही भूल गई है। भारत ने 2-1 से पहले टेस्ट सीरीज गंवाया और इसके बाद वनडे सीरीज में टीम इंडिया (Team India) का 3-0 से सूपड़ा ही साफ हो गया।
भारत ने आखिरी बार जुलाई 2021 में शिखर धवन की कप्तानी में आखिरी वनडे सीरीज खेली थी। टीम के जब अधिकतर सीनियर खिलाड़ी इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेल रहे थे तब बीसीसीआई ने युवाओं से सजी इंडिया बी टीम को श्रीलंका दौरे पर भेजा था। एक साल के बाद यह भारतीय टीम वनडे सीरीज में पूरी तरह से आउट ऑफ फॉर्म ही नजर आई। तो चलिए भारत की हार के कारणों पर एक नजर डालते हैं।
इन 3 कारणों से दक्षिण अफ्रीका में टीम इंडिया को मिली करारी मात
भारतीय बैटर हुए फ्लॉप
अगर हम दोनों टीमों की बैटिंग पर नजर डालेंगे तो हमें फर्क साफ दिखेगा। वनडे सीरीज में मेजबान टीम के 4 खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा रन बनाए। क्विंटन डि कॉक ने कुल 229 रन बनाए जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है। वहीं, रासी वैन डेर डूसन ने 218 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने भी एक बार शतक और एक बार अर्धशतक जमाया। वहीं, अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावूमा ने पहले मैच में एक शतक सहित कुल 153 रन बनाए.
वहीं टीम इंडिया (Team India) की तरफ से शिखर धवन ने सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने कुल 169 रन बनाए जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं। इस सीरीज में टीम इंडिया का कोई भी बैटर 200 रनों के आंकड़ों को छू तक नहीं पाया। हालांकि, विराट कोहली और शिखर धवन ने टीम इंडिया को शुरुआत तो अच्छी दिलाई थी लेकिन यह दोनों खिलाड़ी अपनी पारी को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम हो गए। अब फरवरी में टीम इंडिया (Team India) वेस्टइंडीज से भिड़ने वाली है। टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा इस सीरीज से वापसी करेंगे। अब देखना होगा कि उनकी क्या रणनीति होती है।
बीच के ओवरों में विकेट गंवाना
अगर हम पूरे मैच पर गौर करें, तो भारतीय बैटर ने बीच के ओवरों में अपने विकेट फेंके हैं। पहले वनडे मैच में बीच के ओवरों में जब दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 171/2 था तब उस समय टीम इंडिया (Team India) का स्कोर 148/6 था। टीम इंडिया अपने विकेट फेंकते चली गई और नतीजा यह हुआ कि रन उतने बन नहीं पाए जितने चाहिए थे। इसके बाद दूसरे और तीसरे वनडे की भी कुछ ऐसी ही कहानी रही। साथ ही यहां पर टीम इंडिया (Team India) की तरफ से साझेदारी की भी समस्या दिखी। साझेदारी के मामले में दक्षिण अफ्रीका के पास सीरीज के हर मैच में कम से कम तीन अंकों की एक साझेदारी थी, जबकि भारत ऐसा केवल एक बार दूसरे वनडे में कर पाया।
स्पिनर्स ने किया बेड़ा गर्क
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल से काफी उम्मीदें थीं लेकिन यह दोनों खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए जबकि दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों ने भारत के स्पिनरों की तुलना में बहुत ही बेहतरीन खेल दिखाया। साल 2018 के दौरे पर चहल और कुलदीप यादव ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया था लेकिन इस बार अफ्रीकी स्पिनरों ने भारतीय बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा दिए। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से तबरेज शम्सी, केशव महाराज और एडेन मार्करम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि टीम इंडिया (Team India) की स्पिन गेंदबाजी धरी की धरी रह गई।