भारतीय क्रिकेट टीम के बेस्ट फिनिशर माने जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी की फैंस भारत के साथ पूरी दुनिया में मौजूद है। उनके द्वारा खास तौर पर लगाये जाने वाले हेलिकाप्टर शाॅट और विकेट के पीछे बिजली की तेजी से विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को आउट करने की महारथ का कोई और सानी नहीं है।
किसी भी मैच के नतीजे को अपने दम पर पलटने का माद्दा रखने वाले माही के बेस्ट फिनिशर बनने के पीछे का राज क्या आप जानते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको वह राज बतायेगें, जिसकी वजह से आज धोनी विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के रूप में खुद को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर लिया।
द्रविड़ के डांट ने बनाया बेस्ट फिनिशर
शायद आपको इस खबर पर विश्वास न हो, पर इंडिया टीवी से खास बातचीत में पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि,
“जब भारतीय क्रिकेट टीम की कमान की बागडोर राहुल द्रविड़ के हाथों में थी, तब उसी दौरान धोनी ने कुछ मैच जिताऊ पारी खेलकर बेस्ट फिनिशर का खिताब अपने नाम दर्ज करा लिया। लेकिन इससे पहले कुछ मैचों में धोनी अपने स्वभाव के अनुरूप शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शऩ नहीं कर पा रहे थे, जिसके कारण उनको कई बार राहुल द्रविड़ के डाँट का शिकार होना पड़ता था।
द्रविड़ के डाँट का असर माही पर इस कदर हुयी, जिसके बाद उन्होंने अपने बल्लेबाजी की शैली में पूरी तरह से बदलाव करते हुए कई मैचों में भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी।”
वीरू ने कर दिया सबसे बड़ा खुलासा
पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग ने धोनी को लेकर ये भी खुलासा किया कि, “अपने शुरूआती दिनों के क्रिकेट कैरियर के दौरान महेन्द्र सिंह धोनी के प्रदर्शन पर साथी के कई खिलाड़ियों ने सवालिया निशान लगाया था, साथ ही अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी को बहुत ज्यादा दिन नहीं टिकने का कयास भी लगाने लगे।
हालांकि धोनी ने सभी को गलत साबित करते हुए न सिर्फ बल्लेबाजी और विकेटकीपर में अपने नाम कमाए ,बल्कि बतौर भारतीय कप्तान के रूप में विश्व का सर्वश्रेष्ठ कप्तान के रूप में खुद को स्थापित कर लिया।”
माही के हेयरस्टाइल पर ली चुटकी
धोनी के हेयर स्टाइल पर बात करते हुए वीरू ने कहा कि, “महेन्द्र सिहं धोनी अपनी शुरूआती दिनों में हेयर को लेकर काफी प्रयोग करते थे। उनके लम्बे बाल हमेशा से ही क्रिकेट प्रशंसको को लुभाते थे। हालांकि मैच के दौरान जब धोनी क्रिकेट के मैदान पर होते थे, तो वह इन सब बातों पर खासा ध्यान न देकर सिर्फ अपने खेल पर ही फोकस करते थे, जिसके कारण आज वह लीजेण्ड क्रिकेटर बन चुके हैं।”