दिसंबर 1933 को ब्रिटिश ने भारतीय टीम को इंग्लैंड के लार्ड्स में खेलने को बुलाया. पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम को दुसरे देश में खेलने का मौका मिला.

भारतीय टीम को मौसम की काफी मार पडी थी जब ठंड और बारिश से खिलाडी बेहाल थे.

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तब भारत और पाकिस्तान की एक साथ टीम थी जो उस दौरे पर गयी थी.

भारतीय टीम को अनुभव काफी कम था. सीके नायडू ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. मार्क निकलस, एडवर्ड क्लार्क, जैसे गेंदबाजों का भारत ने अच्छे से सामना किया.

भारत ने 219 रन बनाए, जिसमे वजीर अली 36, सीके नायडू 28, कोलह 31, लाला अमरनाथ 38 रन थे.

स्कोरकार्ड अच्छा नहीं था, लेकिन भारत का ये पहला मैच था.

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दुसरे दिन मोहम्मद निसार ने  अपनी गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर दिया .

मोहम्मद निसार ने सबको चौकाते हुए 5 विकेट लिए तो रुस्तोमजी जमशेदजी ने 3 विकेट लिए. वेलनटाईन के 136 रन के बदौलत इंग्लैंड ने 438 रन बनाए.

दुसरी पारी में भारत 258 रन ही बना पायी और इंग्लैंड को सिर्फ 39 रनों का ही लक्ष्य मिला. उसमे लाला अमरनाथ की 118 रनों की पारी और सीके नायडू के 67 रन शामिल थे.

इंग्लैंड ने भारत को 9 विकेट से हराया.

अच्छी बात ये रही की भारत ने 438 पर इंग्लैंड को रोका जो की किसी को भी अपेक्षा नहीं थी. भारत की ये लग्न देखकर सभी चौक गये.

उस समय ब्रिटिश का भारत को उनके देश में बुलाना ही बडी बात थी. क्योंकि उस समय ब्रिटिश का भारत पर राज था.

SAGAR MHATRE

I am sagar an ardent fan of cricket. I want to become a cricket writer, i always suport virat kohli and ms dhoni in every international match, but not in ipl in ipl i always chear for mumbai indian and...