भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का नाम इन दिनों क्रिकेट के गलियारों में गूंज रहा है। दिल्ली के रहने वाले 20 साल के युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में अपने टेस्ट क्रिकेट का डेब्यू किया और डेब्यू करने के साथ ही एक साथ कई यादगार कारनामों को अंजाम दिया है।
ऋषभ पंत को तीसरे टेस्ट मैच में मिला टेस्ट डेब्यू का मौका
इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के नॉटिंघम में शनिवार से शुरू हुए तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने दिनेश कार्तिक के स्थान पर विकेटकीपर के तौर पर ऋषभ पंत को डेब्यू करने का मौका दिया। अपने डेब्यू टेस्ट के पहले ही दिन ऋषभ पंत ने बल्लेबाजी के दौरान दूसरी ही गेंद पर छक्का जड़ अपने इरादें जाहिर कर दिए।
पंत ने अपनी दूसरी ही गेंद पर जड़ दिया छक्का
मैच के पहले दिन ऋषभ पंत बल्लेबाजी करने पहुंचे। इन्होंने इंग्लिश गेंदबाज आदिल रशीद के खिलाफ दूसरी ही गेंद पर स्टेप आउट करते हुए छक्का जड़ दिया और अपने टेस्ट करियर का स्कोरिंग रन छक्के के साथ शुरू किया।
ऋषभ पंत छक्के के साथ अपने टेस्ट करियर का पहला रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने और इन्होंने अपने इस अंदाज से हर किसी को हैरानी में डाल दिया।
पंत के छक्के पर उनकी मां की प्रतिक्रिया
अभी तक हर कोई पंत के इस छक्के की चर्चा कर रहा है इसी बीच ऋषभ पंत की मां सरोज पंत अपने बेटे के दूसरी ही गेंद पर छक्का लगाने से बहुत ही आश्चर्चचकित हैं। उन्हें अभी तक इस पर विश्वास नहीं हो पा रहा है। पंत के छक्के को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
छक्का लगाते ही मैं हो गई बहुत आश्चर्चचकित
ऋषभ पंत की मां सरोज पंत ने कहा कि “मैं बहुत परेशान थी जब मैंने ये सुना कि वो(पंत)अपना टेस्ट करियर शुरू करने जा रहा है। मैं बहुत ज्यादा आश्चर्चचकित रह गई। इस टेस्ट मैच को खेलने जाने से पहले उसने मुझे टेलिफोन किया था और पूछा था कि क्या मैं उनको टीवी पर खेलते हुए देखूंगी? आमतौर पर मैं टीवी पर मैच नहीं देखती हूं जब वो खेलता है। हाल ही में उसके पिता के निधन के बाद वो मुझे टीवी पर अपनी बल्लेबाजी को देखने का अनुरोध कर रहा है।”
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कोच तारक सिन्हा ने पंत को बताया स्टीलमैन
वहीं पंत के कोच तारक सिन्हा ने कहा कि “ऋषभ स्टील मैन हैं और मेरे सभी आशाजनक चेलो में सबसे ज्यादा हार्ड हिटिंग की क्षमता रखते हैं। वो मानसिक तौर पर बहुत ही मजबूत हैं और वो एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो सफेद गेंद से भी इस तरह से खेले। उन्होंने साबित कर दिया है कि वो हर किसी के खिलाफ इसी तरह के आत्मविश्वास से खेल सकते हैं।”
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