जिंदगी में कई बार हमें उतार चढ़ाव देखना पड़ता है। हम आम लोगों की ये धारणा होती है कि हमें मानसिक पीड़ा सहना पड़ता है पर यह सत्य नहीं है। डिप्रेशन ऐसी चीज़ मानसिक परिस्थिति है जो अमीर-गरीब नहीं देखती। आज हम डिप्रेशन से पीड़ित रहे देश के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जिनकी एक बयान ने सरगर्मी बढ़ा दी।
रॉबिन उथप्पा को लेकर एक खुलासा
वर्ष 2020 के दौरान समाचार एजेंसी पीटीआई ने रॉबिन उथप्पा(Robin Uthappa) को लेकर एक कहानी प्रकाशित की। इसमें उथप्पा के बीते दिनों की कई बातों का जिक्र किया गया। रॉबिन उथप्पा ने बताया था कि वह अपने करियर में दो साल से डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
इस दौरान कई बार उसने सुसाइड करने के बारे में भी सोचा। उन्होंने बताया कि उन दिनों मैं यह सोचकर इधर-उधर बैठा करता था कि दौड़ कर बालकनी से कूद जाऊं। लेकिन क्रिकेट ही एक ऐसी चीज थी जिसने मुझे ऐसा करने से रोका।
बता दें कि साल 2009 से 2011 तक रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) के लिए काफी मुश्किल भरा रहा। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया था कि इस दौरान उनकी सारी कोशिशें नाकाम हो रही थीं। वह चाहकर भी कुछ अच्छा नहीं कर पाते थे।
ऐसा लग रहा था जैसे सब कुछ खत्म हो गया हो और ऐसे में उनके दिमाग में सिर्फ आत्महत्या करने का ख्याल आता रहा। रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) के करियर की बात करें तो वह भारत के अलावा रणजी और आईपीएल में कई फ्रेंचाइजी के लिए खेल चुके हैं।
रॉबिन उथप्पा का क्रिकेट करियर
भारत के लिए उन्होंने 46 वनडे और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में क्रमश: 934 और 249 रन बनाए हैं। साल 2014 में केकेआर के लिए खेलते हुए रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने टीम को चैंपियन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
बता दें भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और आईपीएल में खेलने वाले रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa)का जीवन भी संघर्षों और कठिनाइयों से भरा पड़ा है लेकिन अब क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद (Robin Uthappa) उनकी आगे की जीवन के लिए उनकी क्या भूमिका होती है उसपर अभी तक किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है लेकिन उनका क्रिकेट प्रेम के लगाव देखते हुए यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वो किसी ना किसी भूमिका में क्रिकेट से जुड़े रहेंगे।