इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन की निलामी के लिए तमाम क्रिकेटिंग देशों के कई खिलाड़ियों ने अपना नाम दे दिया है। सभी खिलाड़ियों ने अपना नाम देने के साथ ही अब ऑक्शन से बड़ी उम्मीदें लगाकर बैठे हैं। देश-विदेश के 1122 खिलाड़ी बैंगलुरू में 27 और 28 जनवरी को होने वाली मेगा निलामी में बिक्री के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इनमें से इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान और धाकड़ बल्लेबाज जो रूट भी शामिल हैं।
इंग्लैंड के जो रूट पहल बार हुए आईपीएल में शामिल
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट इंडियन प्रीमियर लीग में पहली बार निलामी में नजर आएंगे। इससे पहले जो रूट ने कभी भी आईपीएल में अपनी किस्मत को नहीं अजमाया है। वैसे जो रूट इस समय विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक हैं, जिन्हें आईपीएल की निलामी में किसी भी टीम के लिए नजरअंदाज करना बहुत ही मुश्किल होगा। जो रूट मौजूदा क्रिकेट जगह से सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। लेकिन पहली बार आईपीएल की निलामी में शामिल हुए हैं।
जो रूट ने भी करवाया है आईपीएल निलामी के लिए रजिस्ट्रेशन
जो रूट आईपीएल में पहली बार शामिल तो हुए हैं लेकिन वहीं इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बेलिस जो रूट के आईपीएल के इस सीजन में खेलने के समर्थन में बिल्कुल भी नहीं हैं। ट्रेवर बेलिस नहीं चाहते कि इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट आईपीएल का हिस्सा बने, लेकिन वहीं जो रूट ने इस बात को टालते हुए आईपीएल की निलामी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया।
विश्वकप से पहले सफेद गेंद की क्रिकेट में करना होगा शानदार प्रदर्शन
आईपीएल के ऑक्शन में अपना नाम देने के बाद जो रूट की पहली बार प्रतिक्रिया सामनें आयी है। जो रूट ने आईपीएल में शामिल होने को लेकर अपने मन की बात बतायी है।
जो रूट ने इसको लेकर कहा कि” पिछले दो सालों से मैनें एक चीज गौर की है कि टी-20 क्रिकेट की काफी कमी रही है। जब कुछ ही सालों में विश्वकप आने ही वाला है तो शायद ये सफेद गेंद से मेरे खेल के लिए सबसे अच्छा मौका है। कोई टेस्ट टीम में शामिल हो तो मैं भी सफेद गेंद के क्रिकेट को छोड़ना नहीं चाहूंगा और इसके पीछे लगा रहूंगा और इसे पकडूंगा।”
4-5 महीनों के विचार के बाद लिया आईपीएल में खेलने का फैसला
इसके साथ ही जो रूट ने आगे कहा कि
“मुझे लगता है कि आईपीएल सबसे बढ़िया मौका है। हो सकता है कि मैं आईपीएल में बहुत अच्छा ना रहूं लेकिन सबसे अच्छी चीज तो ये है कि अलग-अलग खिलाड़ियों के साथ खेलने और अलग-अलग तरीकों से खेलने की होगी। और लंबे समय के बाद एक दबाव वाली चीज लेने को मिलेगी। मैं ये नहीं देख सकता कि ये मेरे खेल को कितना बाधित कर सकता है या मेरे इंग्लैंड के करियर के लिए हानिकारक है। मैंने ये फैसला चार या पांच महीनों सोचकर लिया है। यहीं कारण है कि मैं यहां हूं। उम्मीद है कि हम कुछ सालों में इसके अच्छे परिणाम देखेंगे।”