भारतीय टीम का स्पोंसर बनते ही OPPO के लिए एक बड़ी मुसीबत 1

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वदेशी चीजें ही अपनाने पर जोर दे रहे है। लेकिन पूरी तरह से इस बात पर अमल नहीं किया जा रहा है। हाल ही चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो मोबाइल के साथ बीसीसीआई ने टीम इंडिया के प्रयोजक के तौर पर करार किया है। इसको लेकर स्वदेशी मंच ने अब स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ओप्पो के खिलाफ आवाज उठाई है। इसका सबसे बड़ा कारण है, कि ओप्पो ने भारतीय टीम के प्रायोजक के तौर पर करार किया है।ओप्पो मोबाइल्स के साथ करार करने के बाद बीसीसीआई को हुआ इतना बड़ा फायदा, रकम सुनकर चौंक जायेंगे आप

स्वदेशी जागरण मंच ने इस चीनी कंपनी का जबरदस्त विरोध किया है। और खेल मंत्री विजय गोयल को इस मामले में उनके इस अनुरोध पर सरकार की मदद दिलाने की मांग की है। बुधवार को स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि, “चीन का आयात देश की एक बहुत बड़ी समस्या है। दूसरी ओर चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। ऐसी स्थिति में ये दुर्भाग्यपूर्ण हेै, कि एक चीनी ब्रांड ने भारतीय क्रिकेट टीम प्रायोजन सौदा जीता है। इस मामले में सरकार के हस्तक्षेप की मांग करने के लिए हमने खेल मंत्री से समय मांगा है।”

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टीम इंडिया के स्पोनसरशीप बनने की लड़ाई जीतने के लिए ओप्पो ने 5 साल के लिए 1,079 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। जो पिछली बार की भारतीय स्पोनसर कंपनी स्टार इंडिया की बोली की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। चीनी कंपनी 1 अप्रैल से स्टार इंडिया के बदले टीम इंडिया की स्पोनसरशीप करना शुरू कर देगा।भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर स्टार इंडिया को संशय, बीसीसीआई के साथ आगे का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का किया फैसला

चीनी मोबाइल निर्माता की भारतीय टीम प्रायोजक के रूप में पहली बड़ी टूर्नामेंट होगी चैंपियंस ट्रॉफी जो जून के महीने में शुरू होती है। स्टार इंडिया ने यह स्पष्ट कर दिया था, कि इस सौदे के अंत के बाद बोर्ड के साथ प्रायोजन समझौते का एक नवीकरण नहीं मांगेगा।