सबा करीम यह वो नाम है जो कभी न कभी किसी ना किसी विवाद के चलते सुर्खियों में रहे हैं, इस बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख जगन्नाथ सिंह जो खुद एक एक वकील उन्होंने भी बीसीसीआई क्रिकेट संचालन सबा करीम को एंटी-डोपिंग प्रबंधक द्वारा U-16 खिलाड़ियों की आयु-सत्यापन परीक्षा की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है.
बिहार क्रिकेट बोर्ड ने सबा करीम को भेजा नोटिस
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख जगन्नाथ सिंह ने बीसीसीआई क्रिकेट संचालन सबा करीम को एंटी-डोपिंग प्रबंधक द्वारा U-16 खिलाड़ियों की आयु-सत्यापन परीक्षा की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है.
अभिजीत सालवी बीसीए प्रमुख के अनुसार, करीम ने एक बार खिलाड़ियों की आयु जांच को रोक दिया, क्योंकि खिलाड़ियों को बीसीए की समिति द्वारा अयोग्य घोषित किया गया था. इन सभी का गोपाल बोहरा और रवि शंकर प्रसाद सिंह के नेतृत्व में – परीक्षण किया गया था.
बीसीए प्रमुख की सबा करीम को फटकार
बीसीए प्रमुख ने करीम को आगे याद करने के लिए कहा कि वह एक सार्वजनिक पद रखते हैं और उन्हें किसी भी ऐसे कार्य का हिस्सा नहीं होना चाहिए जो राज्य में प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के भविष्य को खतरे में डालता हो,
प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि,
“आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि आप बीसीसीआई में क्रिकेट संचालक के रूप में सार्वजनिक पद संभाल रहे हैं. यह स्पष्ट रूप से साफ़ है कि आप अयोग्य समिति को बिहार की प्रतिभा को बेचने की अनुमति देने पर तुले हुए हैं. आपको ऐसी सब गतिविधियों से बचना चाहिए. आपको यह भी नहीं भूलना चाहिए कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.
यह नोटिस हुआ है जारी
जो नोटिस बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख से सबा करीम को मिला है उसमे अंकित है यह सब बातें
आपने इस मामले में हस्तक्षेप किया और साल्वी को बीसीए की समिति द्वारा U-16 आयु वर्ग के लिए चयनित खिलाड़ियों की मेडिकल परीक्षा करने से मना किया. जैसे ही बोहरा के नेतृत्व वाली समिति के खिलाड़ियों का परीक्षण हुआ आपने सालवी को अंडर -16 आयु वर्ग के खिलाड़ियों की टीम का मेडिकल परीक्षण नहीं करने को कहा, और 57 खिलाड़ियों की मेडिकल परीक्षा को टेलीफोन पर ही रोक दिया. भले ही आप बीसीसीआई के बड़े अधिकारी हैं, लेकिन इसके बाद भी आपको अपने ओहदे का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था.
आगे लिखा गया कि
“जब साल्वी ने दोनों गुटों के खिलाड़ियों के मेडिकल परीक्षण के तैयार था, तो आपने 16 वर्ष से कम आयु वर्ग के 57 खिलाड़ियों के परीक्षण को फ़ोन से रोक दिया.”
सिंह ने रविवार को सीओए को पत्र लिखकर सूचित किया था कि बिहार में कुछ भी नहीं बदला है और गोपाल बोहरा और रबी शंकर प्रसाद सिंह के नेतृत्व वाली बीसीए की अयोग्य समिति अभी भी बीसीसीआई से संबंधित सभी मामलों में अपना हस्तक्षेप कर रही है.