क्रिकेट के भगवान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई बैट निर्माता कंपनी के खिलाफ सिविल कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया है। सचिन ने आरोप लगाया है कि वह उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए उनके नाम और इमेज का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें 2 मिलियन डॉलर का भुगतान करने में असफल रहे है।
फेडरल कोर्ट के कागजात में इस महीने दायर किए गए मुकदमे में तेंदुलकर ने कहा कि सिडनी स्थित स्पार्टन स्पोर्ट्स इंटरनेशनल ने 2016 में उनकी छवि, लोगो का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें प्रति वर्ष कम से कम 1 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान करने के लिए सहमति व्यक्त की थी।
यह है पूरा मामला
सिविल कोर्ट में जमा किए गए कागजों से पता चला है कि तेंदुलकर उत्पादों को बढ़ावा देते हुए लंदन 2017 में प्रचार कार्यक्रमों में नजर आए। हालांकि सितंबर 2018 तक स्पार्टन कंपनी सचिन के बकाया का भुगतान करने में असफल रही।
इसके लिए मास्टर ब्लास्टर ने भुगतान के लिए कंपनी से औपचारिक अनुरोध किया। लेकिन जब कंपनी की तरफ से भुगतान नहीं किया गया तो उन्होंने समझौते को खत्म कर दिया। और कंपनी से अपने नाम और समानता का उपयोग बंद करने के लिए कहा। सचिन के मना करने के बावजूद स्पार्टन ने उनके नाम और इमेज का इस्तेमाल करना बंद नहीं किया।
हर्जाने का नहीं किया गया है खुलासा
तेंदुलकर के नागरिक दावे में ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को गुमराह करने या भ्रामक आचरण करने, “पासिंग” करने, या किसी के अस्तित्व में न आने और आधिकारिक अनुबंध का समर्थन करने का सुझाव देने का आरोप लगाया। इस बात का खुलासा नहीं किया गया है हर्जाना क्या मांगा गया था।
5 जून को दायर किया गया था मामला
सचिन तेंदुलकर ने 2013 में अपने 24 साल के करियर को अलविदा कह दिया था। जिसमें उन्होंने 34,000 से अधिक रन और 100 शतकों के साथ टेस्ट और वन-डे इंटरनेशनल में स्कोरर बन गए थे।अदालत की वेबसाइट ने दिखाया कि मुकदमा 5 जून को दायर किया गया था, 26 जून को सिडनी में पहली अदालत की तारीख थी।