ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवर की क्रिकेट के खत्म होने के बाद अब चार मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने जा रही है। 17 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज होने जा रहा है। इस टेस्ट सीरीज में मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है। जिसे लेकर एक्सपर्ट अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।
ईशांत शर्मा के ना होने के बाद भी सचिन को है बेंच स्ट्रैंथ पर भरोसा
चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के लिए कप्तान विराट कोहली पहले टेस्ट मैच के बाद नहीं खेलेंगे, तो वहीं तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा भी चोट के कारण पूरी टेस्ट सीरीज से हट गए हैं। ईशांत शर्मा की चोट भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका है।
इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी आक्रमण में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी हैं, लेकिन उनके साथी ईशांत शर्मा नहीं खेलेंगे। लेकिन इसके बाद भी सचिन तेंदुलकर ने भारत की बेंच स्ट्रैंथ पर भरोसा जताया है।
ईशांत नहीं होंगे लेकिन भारत का बैंच है मजबूत
सचिन तेंदुलकर ने एएनआई के साथ बातचीत करते हुए कहा कि
”ईशांत भी वहां नहीं होंगे, लेकिन हमारे पास अच्छी बेंच स्ट्रेंथ है। और इस बात को एक बार फिर से दोहराना चाहूंगा कि ये टीम के बारे में हैं, किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं। हां… अलग-अलग व्यक्ति साथ आकर ही टीम बनाते हैं, लेकिन अगर कोई एक व्यक्ति अनफिट है या उपलब्ध नहीं है तो ये टीम का हिस्सा है।”
सचिन ने बताया, टी नटराजन को क्या मिलनी चाहिए टेस्ट में जगह
जब सचिन तेंदुलकर को भारतीय टीम के लिए इस दौरे पर सीमित ओवर की सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले टी नटराजन के टेस्ट में भी शामिल करने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि
”उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। अब ये चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट पर है कि वो उन्हें बुलाते हैं या नहीं। मैं निर्णयों को प्रभावित करने में विश्वास नहीं करता।”
पिंक बॉल टेस्ट में परिस्थितियां होती है अलग
एडिलेड में होने वाले पिंक बॉल से होने वाले टेस्ट मैच को लेकर सचिन तेंदुलकर ने अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि
‘‘आप सीरीज के पहले मैच के रूप में गुलाबी गेंद टेस्ट खेलते हैं या दूसरे या तीसरे या चौथे, ये ऑस्ट्रेलिया में गुलाबी गेंद के साथ आपका पहला टेस्ट होगा। ये निश्चित रूप से मदद करता अगर इस सीरीज में पिंक बॉल टेस्ट तीसरा या चौथा टेस्ट होता, क्योंकि हम लंबे समय के बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं।”
“इसलिए जब आप लंबे समय के बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं तो आप परिचित स्थिति और समय चाहते हैं। मेरे हिसाब से डे नाइट टेस्ट में टाइम अलग होता है, जो खिलाड़ियों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है। पिंक बॉल टेस्ट के रूप में आखिरी टेस्ट खेलने से पहले कम से कम एक या दो गेम होते तो अच्छा रहता।”