भारतीय क्रिकेट टीम घरेलू सीजन के जबरदस्त सफर के बाद अब न्यूजीलैंड के दौरे के लिए तैयार है। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम 5 टी20, 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेलने जा रही है। जिसकी शुरुआत 24 जनवरी से 5 मैचों की टी20 सीरीज के साथ हो रही है। इस दौरे पर भारतीय टीम से काफी उम्मीदें की जा रही हैं जिसमें गेंदबाजों पर खास नजरें रहेंगी।
न्यूजीलैंड की पिचों को लेकर सचिन तेंदुलकर ने दी अपनी राय
न्यूजीलैंड की पिच वैसे तो कुछ साल पहले तक गेंदबाजों के काफी मददगार मानी जाती थी लेकिन पिछले सालों में इसमें बदलाव आया है और न्यूजीलैंड की पिचे गेंदबाजों को मदद नहीं देने के बजाय बल्लेबाजों के लिए रन लेकर आयी हैं।
न्यूजीलैंड में इन कुछ सालों में ही पिच की स्थिति बदली है उससे पहले वहां पर खतरनाक ग्रीन टॉप पिच देखने को मिलते थे जहां बल्लेबाजी करना इतना आसान नहीं रहता था। भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड में साल 2009 में टेस्ट सीरीज जीती थी तब भारतीय टीम का हिस्सा रहे सचिन तेंलुकर ने पिच को लेकर बड़ी बात कही है।
सचिन ने कहा, पहले की तुलना में अब की पिचें हैं आसान
सचिन तेंदुलकर का मानना है कि पिछले कुछ साल में जिस तरह से न्यूजीलैंड की पिच बल्लेबाजों की मददगार रही है उससे तो भारत के गेंदबाजों के लिए इस आगामी सीरीज में मुश्किल आने वाली है क्योंकि उनके लिए उतना आसान नहीं रहेगा।
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मुझे याद है कि “जब हम 2009 में खेले थे तो हैमिल्टन की पिच अन्य पिचों की तुलना में अलग थी। अन्य पिचों को मुश्किल मिली लेकिन हैमिल्टन में नहीं ये काफी नरम थी।”
“लेकिन नेपियर में समय के साथ मुश्किल होती गई। इसलिए अपने पहले दौरे में मुझे महसूस हुआ कि समय बीतने के साथ पिचें मुश्किल होती गई। “
तेज गेंदबाजो के लिए होगी मुश्किल
सचिन ने आगे कहा कि “हमारे पास तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिनरों के साथ अच्छा गेंदबाजी आक्रमण है। मेरा मानना है कि हमारे पास न्यूजीलैंड में प्रतिस्पर्धा करने के लिए खास किसी गोला-बारूद से कम नहीं रहेगा। वेलिंगटन में मैंने खेला है और अगर आप हवा के साथ या हवा के खिलाफ गेंदबाजी करते हैं तो इससे काफी फर्क पड़ता है।”
“तेज हवा के खिलाफ गेंदबाजी करने वाले सीमर्स को स्मार्ट होने की जरूरत है। इसलिए मैं पसंद करूंगा कि अगर तेज हवा चल रही है तो उस दूसरे छोर से स्पिनर को गेंदबाजी करें और विपरित छोर से तेज गेंदबाजोंं को उसके पीछे हवा के साथ गेंदबाजी करें।”
बल्लेबाजों के लिए न्यूजीलैंड में आसान हुआ है काम
सचिन ने कहा “चुनौती अलग-अलग परिस्थियों में बाहर जाने और खुलने की होगी। मुझे लगता है कि रोहित न्यूजीलैंड में वनडे मैच में खुले थे और काफी अच्छा खेले हैं। वो अच्छी तरह से परिस्थितियों को जानते हैं। आखिरकार टेस्ट क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट है।”
“लेकिन सभी सतहों पर निर्भर करता है कि वो कैसी सतह प्रदान करते हैं। अगर वे ग्रीन टॉप प्रदान करते हैं तो ये एक चुनौती होगी। चोट लगने पर आप खेल खेलते हैं और अपने शरीर को सीमा तक धकेल देते हैं। जब आप अपने देश के लिए खेलने हैं तो आपको सर्वश्रेष्ठ देने की जरूरत होती है तो आप सर्वश्रेष्ठ देते हैं चाहे चोटिल हो जाए।”