पाकिस्तान के स्टार खिलाड़ी सईद अनवर ने हाल ही में अपनी जिन्दगी के 50 बसंत पूरे किये हैं. सईद अनवर पाकिस्तान के बेहतरीन खिलाडी रहे, जिन्होंने 2003 में अपना आखिरी एक दिवसीय मुकाबला खेला. अनवर की जिन्दगी बेहद ही उतार चढ़ाव से भरी रही. साथ ही एक हादसे के बाद तो उनकी पूरी जिदगी ही बदल गयी. इसके बाद वह इस्लाम प्रचारक बन गये.
शतक मारने के बाद सदमे में छोड़ा टेस्ट खेलना-
अनवर ने अगस्त 2001 में मुल्तान टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए सेन्चुरी लगाई थी, लेकिन यही उनके करियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. इसी मैच के दौरान उन्हें उनकी बेटी की मौत की खबर मिली थी. जिसके बाद वे वापस घर लौट गए थे और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ दिया.
क्या था पूरा मामला-
सईद अनवर ने अपनी कजिन लुबना से शादी की है, जो कि प्रोफेशन से डॉक्टर हैं. इन दोनों की शादी मार्च 1996 में हुई थी. साल 2001 में लंबी बीमारी के बाद अनवर की साढ़े तीन साल की बेटी बिस्माह की मौत हो गई थी, जिसके बाद वे काफी टूट गए. इस घटना का उन पर गहरा असर हुआ। उन्हें इस बात का अफ़सोस था, कि बेटी की मौत के वक्त भी वे टेस्ट मैच खेल रहे थे, और इसी वजह से उन्होंने इस घटना के बाद टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया.
बन गये धर्म गुरु-
बेटी की मौत के बाद उनका झुकाव धर्म की ओर हो गया. वे तब्लीगी जमात संस्था के साथ जुड़ गए और इस्लाम के उपदेशक बन गए. हालाँकि, क्रिकेट बोर्ड के मनाने पर उन्होंने वनडे क्रिकेट खेलना तो जारी रखा, लेकिन वे पुरानी सफलता नहीं दोहरा सके. अनवर ने 15 अगस्त 2003 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया.
वनडे में भारत के खिलाफ मारे 194 रन-
सईद अनवर के नाम पर सालों तक वनडे क्रिकेट में हाइएस्ट स्कोर बनाने का रिकॉर्ड रहा. उन्होंने 1997 में भारत के खिलाफ चेन्नई वनडे में 194 रन बनाए थे. जो कि उस वक्त वनडे का हाइएस्ट स्कोर था. उनका ये रिकॉर्ड 13 साल तक रहा अनवर के रिकॉर्ड को 13 साल बाद सचिन तेंडुलकर ने 24 फरवरी 2010 में 200* रन बनाकर तोड़ा था.
पिता थे बिज़नेस मैन-
6 सितंबर 1968 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे सईद अनवर, 1973 में पूरी फैमली सहित कनाडा शिफ्ट हो गये. 1977 में परिवार एकबार फिर पाकिस्तान आ गया. हालांकि उनके पिता बाद में सऊदी अरब चले गए और अनवर अपने दादा-दादी के साथ रहने लगे. अनवर ने NED यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. क्रिकेटर बनने से पहले वे मास्टर्स कोर्स की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहते थे.
सईद अनवर के पिता प्रोफेशन से बिजनेसमैन थे. उन्होंने क्लब लेवल तक क्रिकेट भी खेला था, वहीं उनके भाई जावेद अनवर ने लाहौर टीम के लिए अंडर-19 क्रिकेट भी खेला. अनवर ने मालिर जिमखाना में स्पिनर के तौर पर शुरुआत की थी और बैटिंग के लिए वे 9 नंबर पर उतरे थे.