अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर भारत को निदहास ट्रॉफी का चैंपियन बनाने वाले दिनेश कार्तिक इन दिनों सुर्खियों में छाये हुए है. दिनेश कार्तिक की शानदार फॉर्म को देखते हुए अब उन्हें साल 2019 के विश्वकप में भी जगह देने की बात तेज होने लगी है.
इसी बीच भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज व चयनकर्ता संदीप पाटिल ने एक बयान आया है. जिसमे उन्होंने दिनेश कार्तिक और एम एस धोनी को लेकर कई रोचक बातें बोली है.
संदीप पाटिल ने साल 2004 में धोनी की जगह दिनेश कार्तिक का दिया था सुझाव
आपकों बता दे, 2004 में जब भारत ए टीम के साथ जिम्बाब्वे का दौरा कर रहा थी, तब भारतीय ए टीम के कोच संदीप पाटिल थे.
उन्हें उस समय बीसीसीआई के चयनकर्ता अध्यक्ष सैयद किरमानी का फोन आया था और सयद किरमानी ने उनसे पूछा था कि दिनेश कार्तिक और धोनी में से किस खिलाड़ी को 2004 की चैंपियन ट्रॉफी में चोटिल पार्थिव पटेल की जगह भेजा जायें.
इस बात का खुलासा खुद संदीप पाटिल ने अपने एक बयान में किया है. उन्होंने साथ ही बताया है कि उन्होंने चयनकर्ताओं को उस समय दिनेश कार्तिक का नाम सुझाया था और चयनकर्ताओं ने दिनेश कार्तिक को ही पार्थिव पटेल की जगह चैंपियन ट्रॉफी 2004 के लिए भेजा था.
धोनी उस समय चयन में मेरी पसंद नहीं था
संदीप पाटिल ने इस घटना को याद करते हुए टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए कहा,
“धोनी बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज उस समय मेरी व चयनकर्ताओं की पसंद नहीं था, इसलिए मैंने उस समय चोटिल पार्थिव की जगह फॉर्म में चल रहे दिनेश कार्तिक का नाम सुझाया था.
मैंने शाम को हरारे में होटल के कमरे में दिनेश कार्तिक को बुलाया और कहा मुझे चयनकर्ताओं से फोन आया है और मैंने आपका नाम सुझाया है. साथ ही मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी.
इसके बाद, मैंने धोनी को भी अपने कमरे में बुलाया और उसे समझाया कि मैंने उसकी जगह कार्तिक के नाम का सुझाव क्यों दिया.
मैंने उनसे कहा कि उनकी बारी भी आएगी और उन्हें भी टीम में मौका मिलेगा. मैंने उन्हें बताया कि कोच के रूप में, यह मेरा कर्तव्य है कि जो फॉर्म में है मैं उसका नाम चयनकर्ताओं को सुझाऊ.
कार्तिक को भेजने का कारण यह था कि उसने उस सीरीज में एक शतक भी लगाया था और वह विकेट के पीछे भी अच्छा कर रहा था. धोनी का प्रदर्शन उस समय इतना अच्छा नहीं था. हालाँकि, जब हम केन्या गये तब धोनी ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया था, उन्होंने वहां सभी बल्लेबाजों को पीछे छोड़ दिया था.
कार्तिक को जब भारतीय टीम में जगह मिली तो वह खास नहीं कर पाया, वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तालमेल नहीं बैठा पा रहा था. वह अपनी शैली को भूल गया था. युवा खिलाड़ियों में सबसे बड़ा डर यह होता है कि यदि मैं एक शॉट खेलता हूं, तो मैं टीम से बाहर हो जाऊंगा और कार्तिक में भी उस समय यही डर लग रहा था.”
हालाँकि, जब वह रणजी क्रिकेट भारत ए के लिए खेलता था तब उस पर यह डर नहीं होता था. उसने रणजी क्रिकेट में उसी दौरान मुंबई के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में 160 रन की पारी खेली थी वह पारी भी उसकी मैंने देखी थी. वह एक लाजवाब पारी थी.”
लेकिन 2019 विश्वकप में धोनी को ही मिलनी चाहिए जगह
भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता संदीप पाटिल ने आगे अपने बयान में एम एस धोनी और दिनेश कार्तिक के 2019 विश्वकप में चयन को लेकर कहा,
“दिनेश कार्तिक अब टीम में सेटल लग रहे है ,कार्तिक ने चयनकर्ताओं को एक बेहतर विकल्प दे दिया है. लेकिन मैं अभी भी विश्वकप के लिए धोनी के साथ ही जाना पसंद करूँगा.
आप आईसीसी के इवेंट में 17-18 खिलाड़ियों को सिलेक्ट नहीं कर सकते, इसलिए मैं चाहूँगा कि अभी धोनी ही विश्वकप में भारतीय टीम की विकेटकीपिंग करे. उनकी फिटनेस अभी भी शानदार है. उनका अनुभव भी टीम के बहुत काम आता है हर कोई खिलाड़ी उनसे बहुत कुछ सीखता है. उनके पास दबाव को झेलने की भी काबिलियत है, इसलिए धोनी ही अगर भारतीय टीम के लिए विश्व कप में खेले तो भारत के लिए अच्छा होगा.”