संजय बांगर

एमएस के प्रसाद की 5 सदस्यीय समिति ने भारतीय क्रिकेट टीम के सहायक कोचों के लिए लिए अपने कैंडिडेट्स फाइनल कर लिए हैं। जिसमें बल्लेबाजी कोच संजय बांगर की जगह विक्रम राठौर को सिलेक्ट किया गया है जबकि बाकी फील्डिंग और गेंदबाजी कोच आर श्रीधर, भरत अरुण का कार्यकाल बरकरार रहना तय किया गया है। अब खबर आ रही है कि विंडीज दौरे पर बांगर अपने सिलेक्शन से नाराजगी जताने देवांग गांधी के कमरे में पहुंचे थे।

वेस्टइंडीज दौरे के साथ ही खत्म हो गया बांगर का कार्यकाल

बल्लेबाजी पद से हटाए जाने के बाद संजय बांगर ने चयनकर्ताओं के कमरे में घुस कर जताई नाराजगी: REPORTS 1

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विश्व कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद कोचों पर गिरी गाज में एकमात्र संजय बांगर ही दबते नजर आए। असल में कपिल देव की तीन सदस्यीय समित ने मुख्य कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल नवीनीकृत कर दिया। इसके बाद फील्डिंग व गेंदबाजी कोच आर श्रीधर, भरत अरुण का भी कार्यकाल बरकरार रहना तय ही हो गया है।

लेकिन बल्लेबाजी कोच संजय बांगर का कार्यकाल बहाल न करना तय कर लिया गया है। असल में एम एस के प्रसाद की 5 सदस्यीय समिति ने पूर्व क्रिकेटर विक्रम राठौर को बल्लेबाजी कोच के रूप में चुना है। वेस्टइंडीज टूर खत्म होने के साथ ही संजय बांगर का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है।

बांगर पिछले 5 सालों से भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े हुए थे। 2014 में उन्होंने बल्लेबाजी कोच के रूप में टीम में शामिल हुए थे और 2017 में उन्हें सहायक कोच का पद दिया गया था। अब उनका कार्यकाल टीम इंडिया के साथ खत्म हो गया।

चयनकर्ताओं के कमरे में पहुंच संजय बांगर ने जताई नाराजगी

बल्लेबाजी पद से हटाए जाने के बाद संजय बांगर ने चयनकर्ताओं के कमरे में घुस कर जताई नाराजगी: REPORTS 2

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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, चयनकर्ताओं के फैसले से नाराज संजय बांगर वेस्टइंडीज दौरे में साथ गए चयन समिति के सदस्य देवांग गांधी के कमरे में पहुंच गए थे। उन्होंने चयनकर्ता को वॉर्निंग देते हुए कहा,

टीम इंडिया मुझपर डिपेंड करती है और आपने मुझे पद से हटाने का निर्णय लिया है, वह आप पर ही भारी पड़ जाएगा। मेरे खिलाफ लिया गया यह फैसला जरूरी नहीं था।

बांगर ने गांधी से यह भी कहा,

यदि उन्हें बल्लेबाजी कोच के रूप में हटाया जा रहा है तो उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि  बोर्ड बांगर के व्यवहार से खुश नहीं है। 

लंबे वक्त से नंबर-4 बल्लेबाज की तलाश नहीं हुई पूरी

संजय बांगर

चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही संजय बांगर के कार्यकाल पर सवाल खड़े हो गए थे। असल में पिछले कई सालों से भारतीय क्रिकेट टीम नंबर-4 बल्लेबाज की तलाश कर रही है।

विश्व कप के दौरान भी टीम इंडिया इस कमजोरी से जूंझती नजर आई। पहले केएल राहुल को नंबर-4 की जिम्मेदारी सौंपी गई। फिर शिखर धवन की इंजरी के कारण केएल राहुल को रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई और विजय शंकर नें नंबर-4 पर बल्लेबाजी की।

जब विजय शंकर इंजर्ड हुए तो पंत को नंबर-4 पर बल्लेबाजी कराई गई। कुल मिलाकर यह भारतीय क्रिकेट टीम की मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी समस्या है जिसे बंगर पिछले कुछ सालों में सुलझा नहीं सके। यह एक बड़ा कारण है जो संजय बांगर को बल्लेबाजी कोच के रूप में सबसे कम पसंद किया गया।