भारत और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज का आगाज 21 फरवरी से हो रहा है. हालांकि वेलिंगटन में शुरू होने वाले इस मुकाबले से पहले टीम इंडिया की सिरदर्दी बढ़ गई है. इस टेंशन की वजह उसके दो अपने बेहद ही सीनियर गेंदबाज हैं. हम बात कर रहे हैं आर अश्विन और रवींद्र जडेजा की, जिनमें से कोई एक गेंदबाज ही पहले टेस्ट में खेलता दिखेगा.
पहले टेस्ट में अश्विन होंगे या फिर रवींद्र जडेजा ?
न्यूजीलैंड की पिच तेज गेंदबाजों की मददगार है ऐसे में भारत किसी एक स्पिनर के साथ ही मैदान पर जाएगा. इसी मुद्दे पर सोशल मीडिया में एक फैन्स ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर तथा मौजूदा कमंटेटर संजय मांजरेकर से सवाल किया कि अगर वो पहले टेस्ट के लिए किसी एक स्पिनर का चयन करें तो वो अश्विन होंगे या फिर रवींद्र जडेजा ?
संजय मांजरेकर ने दिया जवाब
इस सवाल के जवाब में संजय मांजरेकर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हेमिल्टन की पिच में गेंद बहुत ज्यादा घूमेंगी नहीं इस लिए रविचंद्रन अश्विन मेरी पहली पसंद होंगे. साथ ही ऐश ने पहले टेस्ट में भी अच्छी गेंदबाजी की है.’
एशिया के बाहर अश्विन-जडेजा का प्रदर्शन
सबसे पहले आर अश्विन के एशिया के बाहर प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो उनका रिकॉर्ड जडेजा से थोड़ा बेहतर है. अश्विन ने साल 2013 से एशिया के बाहर 17 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्हें 34.12 के औसत से 56 विकेट लिए हैं. इस दौरान अश्विन ने 28.72 की औसत से रन भी बनाए हैं.
अश्विन के आकड़े जडेजा से हैं बेहतर
वहीं दूसरी ओर जडेजा ने साल 2013 से एशिया के बाहर 13 मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है जिसमें उन्होंने 37.04 की औसत से 41 विकेट झटके हैं. वहीं उनका बल्लेबाजी औसत 27.65 है. आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि एशिया के बाहर अश्विन, जडेजा से ज्यादा कारगर हैं. हालांकि सिर्फ इस आधार पर अश्विन का सेलेक्शन नहीं हो सकता. वैसे न्यूजीलैंड के खिलाफ अश्विन ने 5 टेस्ट मैचों में 45 विकेट लिए हैं. जडेजा ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 मैच खेले हैं और उसने 17 विकेट लिए हैं.
विराट कोहली का सरदर्द
दरअसल रवींद्र जडेजा लगातार टीम इंडिया में लगातार जुड़े हुए हैं. वो न्यूजीलैंड में वनडे और टी20 सीरीज खेले, उन्होंने पिछले एक साल में खुद का प्रदर्शन बेहतर किया है, ऐसे में विराट कोहली उनपर भी दांव खेल सकते हैं. अब देखना ये है कि विराट कोहली फैसला क्या लेते हैं, लेकिन इतना तो साफ है कि भारतीय कप्तान जिसे भी मौका देंगे, उनके फैसले पर दोनों सूरत में सवाल उठेगा.