मुंबई के युवा बल्लेबाज सरफराज खान ने रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में तिहरा शकत जड़ा। उन्होंने उत्तर प्रदेश के खिलाफ मैच में 301 रनों की नाबाद पारी खेली। यह उनका पहला तिहरा शतक था। नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आए सरफराज ने 391 गेंदों पर 8 छक्के और 30 चौकों की मदद से यह पारी खेली और अंत तक नाबाद रहे।
बुखार में की बल्लेबाजी
सरफराज खान ने बुखार और खांसी होने के बाद भी बल्लेबाजी की और तिहरा शतक जड़ा दिया। उन्होंने खुद इसका खुलासा किया है। वह पिछले 2-3 दिनों से इससे जूझ रहे थे। तिहरा शतक बनाने के बाद उन्होंने पीटीआई से कहा
“मैं बल्लेबाजी करने नहीं आ रहा था। मैं पिछले दो-तीन दिनों से ठीक नहीं था। मुझे बुखार और खांसी हो रही थी। लेकिन मुझे लगा कि मुझे बल्लेबाजी करने जाना चाहिए। मुझे लगा कि मैं उस तरह का खिलाड़ी हूं जो अगर पिच में रह जाता तो खेल बदल सकता था। इसलिए मैं बाहर आया और टीम के लिए खेला।”
625 पार करना लक्ष्य था
उत्तर प्रदेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 625 रनों पर अपनी पारी घोषित की थी। मुंबई को अतरिक्त अंक लेने के लिए इससे ज्यादा रन बनाने थे और सरफराज का बल्लेबाजी के दौरान इसे पार करना ही लक्ष्य था। उन्होंने आगे कहा
“मुझे नहीं लगता कि मैं सभी तरह से खेल पाऊंगा। जब मैं 250 पर पहुंच गया, तो मुझे लगा कि मुझे रिटायर हो जाना चाहिए, लेकिन टीम ने मुझे बहुत समर्थन दिया। 200 पर जाने के बाद, मैं धीमा हो गया। मैंने 200 के पार जाने के बाद चाय तक एक घंटे के लिए एक बाउंड्री नहीं मारा, मेरा उद्देश्य यह था कि हमें 625 पर जाना था।”
मौके नहीं मिल रहे थे
मुंबई के कई बड़े खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा होने की वजह से इस मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे। इसी वजह से सरफाराज को खेलने का मौका मिला। उन्होंने इसका पूरी फायदा उठाते हुए तिहरा शतक जड़ा दिया। आने वाले समय में उनसे इसी प्रकार के पारी की उम्मीद रहेगी।