भारतीय टीम और इंग्लैंड की टीम के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज जारी है. फिलहाल इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 2-0 से पीछे चल रही है. भारतीय टीम का प्रदर्शन इस टेस्ट सीरीज में बहुत ही शर्मनाक रहा है. भारतीय टीम के बल्लेबाज पूरी सीरीज में अबतक 300 रन का स्कोर भी बोर्ड पर नहीं लगा पाये है. कप्तान कोहली के अलावा कोई भी बल्लेबाज 40 से ऊपर का स्कोर भी नहीं बना पाया है.
भारतीय टीम के इस खराब प्रदर्शन की चौतरफा आलोचना हो रही है. इसी बीच भारत-इंग्लैंड सीरीज को लेकर पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद ने भी एक रोचक बयान दिया है.
सरफराज ने भारत की तैयारियों को बताया हार की वजह
सरफराज अहमद ने अपने बयान में भारत की तैयारियों को हार की वजह बताया है. बता दें, कि भारतीय टीम ने इस दौरे से पहले सिर्फ एक ही अभ्यास मैच खेला. जो मात्र तीन दिन का था. यह मैच चार दिन का होना था, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने इस मैच को तीन दिन का ही कर दिया था.
वही पाकिस्तान की टीम ने साल 2016 व साल 2018 अपने दोनों दौरे में जमकर अभ्यास मैच खेले और अच्छी तैयारी की थी. इसी का नतीजा था, कि पाकिस्तान इंग्लैंड में मिस्बाह उल हक़ की कप्तानी में साल 2016 की चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रा कराने में कामयाब रही थी. वही साल 2018 की सो मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रा कराने में कामयाब रह पाई. वही भारत को 2011 में 4-0 से हार का सामना करना पड़ा था और 2014 में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था.
ये बयान दिया सरफराज ने
पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद ने कहा, “मैंने इंग्लैंड का दौरा दो बार किया है और दोनों बार पाकिस्तान टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है. मेरे अनुसार, जो भी एशियाई टीम इंग्लैंड का दौरा करती है वह संघर्ष जरुर करती है, इसलिए भारत को भी वहां संघर्ष करना पड़ रहा है, क्योंकि वहां एशियाई टीम का खेलना वास्तव में काफी कठिन हैं.”
सरफराज ने पाकिस्तान के इंग्लैंड में अच्छा खेलने का तर्क देते हुए कहा, “मुझे लगता है, कि पाकिस्तान की तैयारी अच्छी थी अगर हम वहां अपने पहले दौरे (2016) के बारे में बात करें, तो हम उस सीरीज की शुरुआत के 25 दिन पहले ही इंग्लैंड पहुंच गये थे. हमारा वहां 10 दिन का एक कैम्प लगा था और फिर हमने वहां दो अभ्यास मैच खेले थे. जिससे हमें वहां अच्छा प्रदर्शन करने में काफी मदद हुई.
वही 2018 की बात करू तो हमने करीब तीन अभ्यास मैच वहां खेले थे. एक कप्तान व खिलाड़ी के तौर पर मेरी यह जिम्मेदारी थी, कि हमारी टीम की तैयारियां अच्छी रहे, मेरे सोचना था, कि अगर हमारी अच्छी तैयारियां रहे, तो हमें नतीजे भी बेहतर मिलेंगे.