भारतीय क्रिकेट के दिग्गज कप्तान रहे सौरव गांगुली ने 15 सालों में पहली बार किया ऐसा काम, जिसे जानकार आपको होगी हैरानी 1

भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफलतम कप्तानों में शुमार रहे सौरव गांगुली ने अपने क्रिकेट करियर में बड़े शान के साथ सफर किया। सौरव गांगुली की शानो-शौकत किसी राजकुमार से कम नहीं थी। सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करते हुए बड़ी दादागिरी अंदाज में ही काम किया। इन दिनों सौरव गांगुली का कद भारतीय क्रिकेट में बहुत बड़ा माना जाता है। अपनी रॉयल लाइफ के बीच सौरव गांगुली ने आज ऐसा काम कर दिया जिसे उन्होनें पिछलें 15 सालों तक नहीं किया था।

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज कप्तान रहे सौरव गांगुली ने 15 सालों में पहली बार किया ऐसा काम, जिसे जानकार आपको होगी हैरानी 2

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सौरव गांगुली ने 15 सालों में पहली बार किया ऐसा काम जिससे हो गए सब हैरान

सौरव गांगुली के सम्मान में उनकी एक आठ फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है। सौरव गांगुली ने खुद आज अपनी प्रतिमा का अनावरण किया लेकिन वो जब अपनी प्रतिमा का अनावरण करने के लिए पहुंच उससे पहले उन्होनें वो काम करके सबको हैरानी में डाल दिया जो उन्होनें पिछले 15 सालों में कभी नहीं किया है। मतलब प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर रहे सौरव गांगुली ने आज 15 सालों में पहली बार ट्रेन का सफर किया। रवि शास्त्री को कोच नियुक्त करने से नाखुश गांगुली, लक्ष्मण और सचिन ने लिखा था बीसीसीआई को पत्र, अब सामने आई पत्र में लिखी ये बाते

दादा ने साल 2001 के बाद पहली बार ट्रेन में किया सफर

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सौरव गांगुली की प्रतिमा का अनावरण आज करना था जिसकों लेकर सौरव गांगुली ने तय किया कि वो आज बालुरघाट में अपनी प्रतिमा का अनावरण करने के लिए विशेष तौर पर ट्रेन में सफर तय करेंगे। दादा ने रविवार को सुबह में मालदा से पदाटिक एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ी। दादा के आने की खबर के कारण रेलवे स्टेशन पर पहले से ही दादा के हजारों फैंस बड़ी बेताबी के साथ इंतजार कर रहे थे। इस ट्रेन से सफर तय कर गांगुली अपनी 8 फिट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने बालुरघाट पहुंचे।

ट्रेन में सफर कर पहुंचे अपनी प्रतिमा का अनावरण करने

भारतीय क्रिकेट टीम के महान कप्तान रहे सौरव गांगुली ने बालुरघाट पहुंचकर अपनी प्रतिमा का अनावरण किया साथ ही सौरव गांगुली ने 15 सालों में पहली बार ट्रेन में सफर तय करने को लेकर कहा कि “मैनें 2001 के बाद पहली बार ट्रेन में यात्रा की। ये करिब 15 सालों के बाद हुआ है।” वहीं दादा ने अपनी प्रतिमा को लेकर कहा कि “ये मेरी तरह ही दिखता है।”सौरव गांगुली नहीं बल्कि इनके कहने पर जहीर खान और राहुल द्रविड़ को बनाया गया भारतीय टीम का कोच