कहते हैं, कि कागज अपनी किस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबिलियत से, किस्मत साथ दे ना दे पर काबिलियत जरुर साथ देगी. यह कहावत चार साल के बच्चे शायन जमाल की है, जी हाँ वह अभी केवल चार साल के हैं और क्रिकेट को लेकर उनकी जो दीवानगी है वह देखते ही बनती है.
जमाल का चयन हाडर्ड पब्लिक स्कूल की अंडर-12 टीम में हुआ है. जिस उम्र में लोग खिलौने से खेलतें हैं उस उम्र में जमाल बैट और गेंद को अपने साथ लेकर सोता है. उसकी क्रिकेट के प्रति यह दीवानगी उसको कहाँ तक ले जाएगी इसको तो कोई नही कह सकता है.
जमाल के इस क्रिकेट प्रेम को देखकर उसे छोटा मास्टर ब्लास्टर बुलाया जा सकता है.
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जमाल की माँ का कहना है, कि
“शायन के पिता अगर उसे मैच प्रैक्टिस के लिए नही ले जाते हैं तो वह खाना पीना छोड़ देता है. एक या दो दिन से ज्यादा उसे आप नही रोक सकते हैं. वह घंटों टीवी के आगे बैठकर मैच देखता है और खाना पीना सब वहीँ करता है.”
जमाल की कवर ड्राइव और फारवर्ड डिफेंस पर इतनी शानदार पकड़ है, कि उसका चयन मात्र चार साल की उम्र में ही टीम में हो गया है. बचपन में शायन टीवी स्क्रीन्स के सामने बैठकर मैच देखता था या मूव्स सीखता था यह तो वही बता सकता है लेकिन इस नन्हे से बच्चे को देखकर लगता है की भारतीय टीम को दूसरा सचिन मिल गया है.
यहाँ देखें शायन जमाल की कुछ अनदेखी तस्वीरें :
इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में बने हुए है शायन. अब ये तो वक़्त ही बतायेगा, कि किस हद तक वह अपने हुनर को निखार पाता है. लेकिन इतनी छोटी उम्र में ही क्रिकेट के प्रति इतनी दीवानगी भारत के लिए अच्छा संकेत है.