हाल में ही क्रिकेट प्रशासक समिति (सीओए) ने रिपोर्ट्स में बताया था कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व पदाधिकारी निजी हितों के लिए लोढा समिति की सुधार की योजनाओं को लागू करने नही दे रहें हैं. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर श्रीनिवासन और निरंजन शाह को नोटिस जारी कर दिया हैं.
लगाया था सही से काम न करने का आरोप
सीओए ने रिपोर्ट्स में बताया था कि लोढा समिति की सिफारिशों पर अमल कराने के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन श्रीनिवासन के विश्वासपात्र अनिरुद्ध चौधरी इस मुद्दे पर हमारी किसी भी तरह की मदद नही कर रहें हैं.
इसके अलावा सीओए ने प्रदेश इकाइयों में सहमति बनाने को लेकर असमर्थता जताई थी. उन्होंने आगे रिपोर्ट में बताया था कि तीन महीने के अन्दर ही सीओए ने बीसीसीआई की सदस्य इकाइयों में नया संविधान लागू करने की सहमति बनाने के लिए की कोशिश की थी, लेकिन कोई बात नही बनी थी.
निजी हितों के चलते बाधा पहुँचाने का लगाया आरोप
उच्चतम न्यायालय में सीओए द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि निरंजन शाह और एन. श्रीनिवासन जैसे अयोग्य पदाधिकारी ने अपने निजी हितों के चलते लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने में बाधा पंहुचा रहें हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट्स में यह भी बताया कि 26 जून की विशेष आम सभा में ऐसे कई लोगों ने भाग लिया था जो बीसीसीआई के पदाधिकारी पद से अयोग्य करार हो चुके हैं.
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
कोर्ट ने समिति की रिपोर्ट्स देखने के बाद निरंजन शाह और एन. श्रीनिवासन के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया हैं.