भारत के सलामी बल्लेबाज पिछले साल दिल्ली की रणजी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किये, उन्होंने पिछले साल अपने प्रदर्शन की वजह से दिल्ली को एक नई मुकाम तक पहुंचाया, हालाँकि उसके बाद भी उनका टेस्ट टीम में चयन नहीं हुआ, हालाँकि ऐसे केस लगाये जा रहे थे, कि रणजी में शानदार प्रदर्शन के बाद कम से कम टेस्ट टीम में तो इस भारतीय धुरंधर की वापसी होगी ही, लेकिन ऐसा नहीं हुआ इस भारतीय बल्लेबाज को चयनकर्ताओ ने किसी भी फार्मेट के लिए टीम इंडिया में शामिल नहीं किया. जबकि वहीं रणजी और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद हरभजन को टेस्ट टीम में जगह मिली.
सूत्रों की माने तो, अब सहवाग ने दिल्ली की रणजी टीम को अलविदा कहने का मन बना लिया है, और वो जल्द ही इसकी औपचारिक रूप से घोषणा करने वाले है.
इसके साथ ही क्रिकेट प्रसंसको के मन में ये सवाल उठने लगे है, जिन पर हम यहाँ प्रकाश डाल रहे है:
क्या क्रिकेट को अलविदा कहने वाले है सहवाग??
सबसे पहला सवाल सबके सामने यही सवाल है, कि क्या सहवाग अब क्रिकेट को अलविदा कहने वाले है और इसकी शुरुआत वो यहाँ से कर रहे है, जैसा कि सभी को मालूम है, कि 2013 के बाद उन्होंने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है. जबकि उसके बाद सबको उम्मीद थी, कि विश्वकप 2015 में उनका चयन इंडियन टीम में होगा, लेकिन चयनकर्ताओ ने उन्हें वहां भी निराश किया और इसके बाद से यही कायस लगाये जा रहे है, कि वो सन्यास ले लेंगे.
क्या सहवाग दिल्ली छोडकर कही और जाने के मुड में है??
दूसरा सबसे बड़ा सवाल ये है, कि सहवाग क्रिकेट से सन्यास लेने का इतना जल्दी फैसला करके कही और जाने की तैयारी में तो नहीं है. अगर सूत्रों की माने तो सहवाग दिल्ली की रणजी टीम छोडकर हरियाणा की रणजी टीम से जुड सकते है, सहवाग सन्यास लेने के बाद क्रिकेट के प्रसासनिक पदों पर आसीन होना चाहते है, और इसका मौका उन्हें हरियाणा में मिल सकता है.
भारतीय टीम में सहवाग का योगदान:
वीरेंद्र सहवाग भारतीय टीम के एक अहम अंग रहे है, जब भी टीम ने उनसे कोई उम्मीद की उसे इस बल्लेबाज ने पूरा किया, सहवाग का योगदान भारतीय टीम में इतना ज्यादा है, कि उसे भुलाया नहीं जा सकता है, सहवाग ने कई मौको पर भारतीय टीम को जीत दिलाई है, सहवाग ने अब तक कुल 104 टेस्ट और 251 वनडे मैच खेले है, जबकि टेस्ट में उनके नाम 23 और वनडे में 15 शतक दर्ज है, सहवाग एक मात्र भारतीय बलेबाज है, जिसने टेस्ट में 2 बार तिहरा शतक लगाया है, जबकि वनडे में 1 बार दोहरा शतक लगा चुके है, सहवाग ने कभी अपने लिए नहीं खेला, उन्होंने हमेशा ही देश के लिए बल्लेबाजी की कभी भी अपने व्यक्तिगत स्कोर को ध्यान में नहीं रखा.