क्रिकेट इतिहास के जब सबसे खतरनाक बल्लेबाजों का जिक्र होता है तो उसमें अपने आप भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग का नाम आ जाता है. सब उनकी तारीफ करते हैं. अब पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ़ ने कहा की यदि वीरेन्द्र सहवाग किसी अन्य टीम से खेलते होते तो आसानी से 10 हजार रन भी बनाते.
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने की वीरेन्द्र सहवाग की जमकर तारीफ
भारतीय टीम के दिग्गज और आक्रामक सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग की तारीफ पूरा क्रिकेट जगत करता है. अब पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रहे राशिद लतीफ़ ने इस दिग्गज खिलाड़ी की जमकर तारीफ करते हुए अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि
” वो सिर्फ हावी होने के लिए ही खेलता था. सलामी बल्लेबाज ऐसे होते थे जो पहले आराम से खेलते थे. देखते थे की पीछे कैसी है, सामने गेंदबाजी में ग्लेन मैकग्राथ, ब्रेट ली, वसीम अकरम या शोएब अख्तर तो नहीं है. लेकिन सहवाग एक ऐसा व्यक्ति था जिसे किसी का डर नहीं था. वह एक प्रभावशाली खिलाड़ी थे, उनकी टीम में काफी प्रभाव था और उनके जैसे खिलाड़ी विश्व क्रिकेट में सफल होते थे. सहवाग का रिकॉर्ड उनके लिए बोलता है. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 8 हजार से अधिक रन हैं.”
सचिन और द्रविड़ के साथ सहवाग के खेलने पर बोले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान
दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ वीरेन्द्र सहवाग के खेलने का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ़ ने कहा कि
” वो ऐसा व्यक्ति हैं जो हमेशा अन्य खिलाड़ियों की छाया में ही रहे थे. सचिन के साथ खेले, राहुल के साथ खेले और उनकी छाया में रहे. यदि वह किसी अन्य देश के लिए खेल रहे होते, तो वह आसानी से 10 हजार रन पार कर जाते. जिससे वो मात्र डेढ़ हजार रन ही दूर थे. उनकी टीम में बड़े नाम वाले खिलाड़ी मौजूद थे लेकिन विपक्षी टीम का पूरा ध्यान सहवाग को आउट करने में ही लगा हुआ होता था. क्योंकि वो बहुत प्रभावशाली खिलाड़ी था. ये कहना गलत होगा की वो पैर आगे बढ़ा कर नहीं खेलता था.”
वीरेन्द्र सहवाग के डर को बताया राशिद लतीफ़ ने
मैदान पर ब्रेट ली जैसे गेंदबाजो में भी वीरेन्द्र सहवाग के डर का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के राशिद लतीफ़ ने कहा कि
” उनके पास एक अपनी अलग बेस और तकनीक थी. सहवाग बैकफुट पर शानदार था, आसानी से कट, पुल, हुक का उपयोग करता था. सिडनी टेस्ट मैच में ब्रेट ली पारी के शुरुआत में उनके खिलाफ थर्डमैन और डीप प्वाइंट के साथ गेंदबाजी कर रहे थे. उनके पास एक अच्छा बैलेंस भी था. जिसके कारण ही वो क्रिकेट जगत में इतना ज्यादा सफल भी रहे थे.”