इनदिनों देश में रणजी ट्रॉफी खेली जा रही है. जिसका एक मैच तमिलनाडु और हिमांचल प्रदेश के बीच खेला गया. इस मैच से पहले सभी को उम्मीद थी कि तमिलनाडु इस मैच को आसानी से अपने नाम कर लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ इस मैच को अपने शानदार प्रदर्शन के चलते हिमाचल प्रदेश की टीम ने 71 रन के अंतर से हरा दिया है.
अश्विन के शानदार प्रदर्शन के बाद भी नहीं जीत पाई तमिलनाडु
अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के शानदार प्रदर्शन के बावजूद तमिलनाडु इस मैच को जीत नहीं पाई है. बता दें, कि पहली पारी में जहां अश्विन ने 5 विकेट हासिल किये थे. वहीं दूसरी पारी में उन्हें 4 विकेट मिले थे.
तमिलनाडु की टीम पहली पारी में मात्र 96 रन के स्कोर पर आउट हो गई थी. वहीं दूसरी पारी में पूरी टीम 145 रन के स्कोर पर आउट हो गई थी.
इस मैच में तमिलनाडु के लिए कई सीनियर खिलाड़ियों ने नहीं खेला. मुरली विजय, दिनेश कार्तिक, विजय शंकर और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ी टीम की प्लेइंग इलेवन में नहीं थे. दिनेश कार्तिक, मुरली विजय और वाशिंगटन सुंदर को क्रमशः कलाई, टखने और उंगली की चोटों को बताया गया.
सीनियर खिलाड़ियों को समावेशी बनाने की आवश्यकता
रविचंद्रन अश्विन ने पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि कहां से शुरू करना है. मुझे लगता है कि शायद हमारी टीम बहुत अनुभवहीन थी. अंतिम खेल में हमारे लिए जिन तीन अनुभवी खिलाड़ियों ने खेला था, वह इस मैच में नहीं थे. हम सीनियर खिलाड़ियों को वैसा नहीं होने दे सकते, जैसा वे चाहते हैं. हमें उनसे अधिकतम प्राप्त करने के लिए उन्हें समावेशी बनाने की आवश्यकता है.
पिछली बार जब बद्री जैसे किसी व्यक्ति ने छोड़ा था, तो उसे छोड़ने का यह सही समय नहीं था. इस तरह के अनुभव वाले किसी व्यक्ति को हमारे युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए. हम दोनों ही मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. खासकर से हम बल्लेबाजी के मोर्चे पर पूरी तरह फेल साबित हुए हैं.”