पाकिस्तान के महानतम खिलाड़ियों में से एक शाहिद अफरीदी का अंतर्राष्ट्रीय करियर लगभग खत्म हो गया है. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले लिया है लेकिन सिमित क्रिकेट में वह अभी भी खेलना चाहते हैं यही वजह है, कि उन्होंने अभी टी -20 से संन्यास नहीं लिया है.
यह साल उनके लिए काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है, खुद अफरीदी भी इस बात को मानते हैं. अफरीदी की गिनती दुनिया के ऐसे खिलाड़ियों के साथ होती है जिनसे हर गेंदबाज डरता है. उन्होंने बल्लेबाजी से अपनी एक अलग पहचान बनायीं है और बल्ले के साथ साथ गेंद से भी उनका प्रदर्शन काबिले तारीफ है.
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गेंदबाजों के खिलाफ उनका आक्रामक रवैय्या मैदान पर देखते ही बनता है. अपने इस साल के और आगे के करियर के बारे में अफरीदी ने इंटरव्यू के दौरान कहा,
“मैं इस बात से सहमत हूँ, कि क्रिकेट की दृष्टी से यह साल मेरे लिए अच्छा नहीं रहा. एक क्रिकेटर के रूप में अपने करियर के अंतिम समय में जो मैं चाहता था, वह मुझे नहीं मिला जिसके लिए मैं काफी निराश हूँ, लेकिन अगर क्रिकेट को छोड़कर देखा जाये तो यह साल मेरे लिए काफी अच्छा रहा. इस साल मैंने चैरिटी के लिए बहुत काम किया जो काफी अच्छा रहा.”
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यह साल अफरीदी के लिए काफी ख़राब रहा और उनके खेलने को लेकर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियादाद के साथ उनका विवाद भी लोगो के सामने आया जिसके चलते वह ना खेलते हुए भी काफी सुर्ख़ियों में रहे. उनके इस विवाद को लेकर और बाकी चीजो के बारे में एक पत्रकार ने जब सवाल किया तो एक बार फिर से उनका बुरा व्यवहार सबके सामने आया और उन्होंने मीडिया के सामने ही कहा,
“मुझे आपसे ऐसे घटिया सवाल की ही उम्मीद थी. मैंने पीसीबी से आग्रह किया था, कि किसी खिलाड़ी को उसके अंतिम समय में बढ़िया और शानदार तरीके से विदाई मिल सके इस चीज को आप मीडिया लोगों ने सबके सामने मिर्च मसाला लगाकर पेश किया जो सही नहीं था.”
अफरीदी ने पाकिस्तान के लिए 398 वनडे 98 टी -20 और 27 टेस्ट मैच खेले हैं.