मौजूदा वक्त में कोरोना वायरस के चलते सभी प्रकार की क्रिकेट प्रक्रिया पर विराम लगा हुआ है. मगर माना जा रहा है कि जब स्थिति के सुधार होने के बाद दोबारा क्रिकेट की शुरुआत होगी, तो आईसीसी गेंदबाजों द्वारा गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा के इस्तेलाम पर रोक लगा सकती है. वैसे तो अभी इस बात पर आईसीसी ने कोई ऑफीशियल स्टेटमेंट जारी नहीं की है. मगर एक के बाद एक दिग्गज खिलाड़ी इस टॉपिक पर अपनी राय रखते नजर आ रहे हैं.
गेंद को एक तरफ से बनाया जा सकता है भारी
कोरोना वायरस के बाद जब क्रिकेट की वापसी होगी, तो उसमें सलाइवा के इस्तेमाल पर रोक और कृत्रिम पदार्थों के इस्तेमाल पर कई दिनों से चर्चा चल रही है. इसपर तमाम दिग्गज खिलाड़ी अपनी-अपनी राय साझा कर रहे हैं. अब इसी क्रम में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के शेन वॉर्न ने ‘स्काइ स्पोटर्स’ के क्रिकेट पॉडकास्ट में कहा,
गेंद को एक तरफ से भारी क्यों नहीं बनाया जा सकता ताकि ये हमेशा स्विंग लें. यह एक टेप लगाई हुई टेनिस गेंद या लॉन बॉल की तरह रहेगी.
गेंद के साथ नहीं करनी पड़ेगी छेड़खानी
दिग्गज पूर्व स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते हुए 708 टेस्ट, 283 एकदिवसीय विकेट हासिल किए. ऑस्ट्रेलिया की मुश्किल पिचों पर शानदार स्पिन करने वाले वॉर्न ने आगे कहा,
मुझे नहीं पता कि क्या आप वकार युनूस या वसीम अकरम जैसी स्विंग लाना चाहते हैं. लेकिन इससे सपाट पिचों पर भी स्विंग मिल जाएगी. यह आगे बढ़ने का सही तरीका होगा और गेंद के साथ छेड़खानी भी नहीं करनी होगी.
सलाइवा के इस्तेमाल पर क्यों लग सकती है रोक?
कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया परेशान है. सभी देशों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि कोरोना के वायरस खांसने, छींकने, थूंकने व संक्रमित व्यक्ति के अधिक करीब आने से फैलते हैं. अब ऐसे में यदि क्रिकेट मैचों के दौरान गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल करते हैं तो इससे इस संक्रमण के फैलने का खतरा काफी अधिक बढ़ सकता है.
बचाते चलें, मौजूदा वक्त में विश्व में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 36 लाख के पार पहुंच चुकी है. तो वहीं 2.52 लाख लोगों की मौत हो चुकी हैं. सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देश इस वक्त अमेरिका है क्योंकि वहां इस महामारी से लगभग 70 हजार लोग जान गंवा चुके हैं.