भारतीय क्रिकेट इतिहास में 10 नंबर का बहुत बड़ा महत्व है। विश्व क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में से एक भारत के मास्टर-व्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में हमेशा ही 10 नंबर की जर्सी को पहना है। सचिन तेंदुलकर की ये 10 नंबर की जर्सी पूरेे विश्व क्रिकेट में लोकप्रिय हुई। सचिन तेंदुलकर की 10 नंबर की जर्सी पहनने के दौरान किसी भी अन्य भारतीय खिलाड़ी ने इस नंबर की जर्सी को नहीं पहना।
शार्दुल को 10 नंबर की जर्सी पहनने पर होना पड़ा आलोचना का शिकार
सचिन तेंदुलकर ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया, तो आसानी से उम्मीद जतायी गई कि मास्टर के रिटायर होने के साथ ही उनकी ये 10 नंबर की जर्सी भी रिटायर हो जाएगी।
सचिन तेंदुलकर के वनडे क्रिकेट से संन्यास लिए हुए पांच साल होने वाले हैं । इस दौरान किसी भी भारतीय खिलाड़ी को 10 नंबर की जर्सी के साथ नहीं देखा गया, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में गुरूवार को खेले गए चौथे वनडे मैच में महाराष्ट्र के युवा तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने अपने करियर का आगाज किया, लेकिन पहले ही मैच में वो 10 नंबर की जर्सी पहनने से सुर्खियों में आ गए।
भज्जी ने शार्दुल के 10 नंबर की जर्सी पहनने का किया समर्थन
शार्दुल ठाकुर ने इस मैच में अपने सात ओवरो में 26 रन देकर एक विकेट हासिल किया, लेकिन सचिन जैसे महान खिलाड़ी के द्वारा पहनने वाले नंबर 10 की जर्सी को पहनने के कारण शार्दुल को क्रिकेट फैंस ने जमकर ट्रोल किया और उन्हें तरह-तरह की बाते सुनाई जा रही हैं, लेकिन वहीं दूसरी और भारतीय टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने शार्दुल ठाकुर का समर्थन किया है।
शार्दुल के 10 नंबर की जर्सी पहनने का कोई भी हो सकता है कारण
हरभजन सिंह ने इसको लेकर कहा कि “इस बेचारे लड़के की गलती ही क्या है, कि उसने 10 नंबर की जर्सी को पहन लिया। अगर वो तेंदुलकर को देखकर बड़ा हुआ है, तो 10 नंबर की जर्सी पहनकर भारतीय क्रिकेट टीम के साथ खेलने का उसका सपना भी हो सकता है। जिसके लिए उसने कड़ी मेहनत की है। ये उसका उस महान व्यक्ति (सचिन तेंदुलकर) को याद करने का एक तरीका हो सकता है या उनका अनुसरण कर रहा हो या उसका ये भाग्यशाली नंबर भी हो सकता है।”
किसी के जर्सी पहन लेने से नहीं होगी सचिन पाजी का सम्मान कम
इसके साथ ही भज्जी ने कहा कि “हर कोई अपनी भावनाओं के साथ सचिन पाजी का सम्मान करते हैं। किसी ने भी उस समय तक ये जर्सी नहीं पहनी जब तक वो( सचिन ) खेल रहे थे। वो जर्सी हमेशा के लिए जीवित रहेगी। उनका सम्मान इसी कारण कम नहीं होगा कि किसी ओर ने ये जर्सी पहन ली तो नहीं…”
“ये तो बोर्ड को तय करना है कि क्या वो इस जर्सी नंबर को रिटायर या रख रखाव करना चाहती है। और इसे सचिन को समर्पित कर सकता है। और ये सब किया जाना था तो ये तब होना था जब उन्होनें खेल को छोड़ा। अगर आप सचिन पाजी को भी बोलते हैं, तो उन्हे भी किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।”