“शिखर समागम” में भारतीय बल्लेबाज़ विरेंद्र सहवाग व् गौतम गंभीर और राजीव शुक्ला एक साथ नज़र आये. इस दौरान इन तीनों शख्सियतों ने कई मुद्दो पर बात चीत की. जहाँ शुक्ल ने पाकिस्तान के साथ दिसम्बर में होने वाली सीरीज़ और बीसीसीआई अध्यक्ष बनने को लेकर अपनी राय रखी वहीँ सहवाग व् गंभीर ने क्रिकेट से जुडी अपनी यादों को साझा किया. पेश हैं शिखर समागम में विरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और राजीव शुक्ल की बातचीत के कुश अंश –

राजीव शुक्ला:
बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के निधन के बाद नए अध्यक्ष के रूप में राजीव शुक्ल का नाम भी सामने आ रहा था. लेकिन अब शुक्ल ने इस बात पर स्पष्ट कर दिया है कि वह बीसीसीआई के नए अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नहीं हैं और जो भी फैसला होगा वो बोर्ड के सदस्यों की सर्वसम्मति से होगा. उन्होंने कहा कि ये ही स्वर्गीय डालमिया को सच्ची श्रृद्धांजली होगी.

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इस मौके पर राजीव शुक्ल ने भारत-पाकिस्तान श्रृंखला पर बात की. कुछ समय पहले पीसीबी अध्यक्ष ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ यह श्रृंखला नहीं खेलता तो वे आईसीसी और एसीसी के टूर्नामेंट में भी भारत का बहिष्कार करेगा. पाकिस्तान के इस बयान पर करारा जवाब देते हुए शुक्ल ने कहा कि पाकिस्तान का ये बयान बेतुका है क्योंकि आईसीसी में जो कोई भी मुकाबला होता है वह आईसीसी के नियमों के तहत ही होता है. उसमें कोई भी राष्ट्र अपने आप किसी अन्य राष्ट्र का विरोध नहीं कर सकता.

पाकिस्तान के साथ दिसंबर में होने वाली श्रृंखला को लेकर शुक्ल ने कहा कि “अगर पाकिस्तान सुरक्षा की गारंटी लेने को तैयार होता है और जो मुद्दे हैं वो हल होते हैं तो हम पाकिस्तान के साथ खेलने को तैयार हैं”. लेकिन उन्होंने ये भी साफ़ कर दिया कि दिसंबर में अब बहुत ही कम समय बचा है और ऐसे में अब ये श्रृंखला होना मुमकिन नहीं लग रहा.

साथ ही राजीव शुक्ल ने सेहवाग गंभीर के बारे में बात करते हुए एक किस्सा सुनाया, उन्होंने कहा कि ‘गंभीर इतने सीनियर खिलाड़ी हैं लेकिन कुछ लोग उन्हें आज भी बच्चा ही समझते हैं. शुक्ल ने शाहरूख खान के साथ आईपीएल के दौरान का एक किस्सा साँझा किया. उन्होंने कहा ‘मुझसे शाहरूख खान ने कहा था कि मैंने इस खिलाड़ी (गंभीर) में कुछ अलग देखा है यही कोलकाता नाइट राइडर्स को जिताएगा और बाद में ऐसा ही हुआ.’

 

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वीरेंद्र सहवाग:
इस मौके पर मौजूद सेहवाग ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह एक बेहतरीन टीम का हिस्सा रहे. और उन्हें गर्व है कि वह 2007 विश्वकप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे.

इसके साथ ही टीम से बाहर होने के सवाल पर उन्होनें कहा कि अगर कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करता तो उसे कोई भी टीम में नहीं रख सकता. लेकिन अगर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और कप्तान के साथ उसकी अनबन है तो भी कप्तान खराब प्रदर्शन करने तक उसे टीम से बाहर नहीं निकाल सकता. हालांकि सहवाग ने ये भी साफ कर दिया कि धोनी के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है.

सहवाग ने कहा कि, ‘एक वरिष्ठ खिलाड़ी से उम्मीद की जाती है कि वह कम से कम 4 मैचों में एक शतक लगाए. लेकिन अगर वह ऐसा करने में असफल होता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और जायज़ है कि चयनकरता उसकी जगह किसी युवा खिलाड़ी पर भरोसा दिखा सकता हैं क्योंकि उस युवा खिलाड़ी में टीम का भविष्य दिखता है.’

गंभीर के बारे में बात करते हुए सेहवाग ने कहा कि गंभीर के साथ उन्होनें काफी क्रिकेट खेला है और गंभीर एक बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं. सहवाग ने कहा कि गंभीर को गुस्सा बहुत आता है लेकिन वह अकसर गंभीर का गुस्सा शांत करने के लिए उन्हें गाना सुनाते थे.

वहीँ सहवाग ने एक बेहतरीन खिलाड़ी बनने के लिए टिप्स देते हुए कहा कि ‘क्रिकेट में कामयाब होने के लिए खेल की बुनियादी बातें सीखना बेहद जरूरी है, मैं अपने क्रिकेट स्कूल में भी सबसे पहले यही सिखाता हूं. “

गौतम गंभीर:
जब भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर से पूछा गया कि टीम में बने रहने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी का क्या राज़ है?… तो गंभीर ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘मेहनत के अलावा कोई भी ऐसी चीज नहीं जो खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कामयाब बना सकती है.’

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