शोएब अख्तर

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों का भारत के साथ राजनीतिक रिश्तों को लेकर किसी ना किसी तरह का बयान आ ही जाता है। वैसे विभाजन के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी देखी गई है। ये राजनीतिक तल्खी वैसे तो दोनों ही देशों के रिश्तों पर प्रभाव डालती है, लेकिन पाकिस्तानी खिलाड़ियों का इसमें शामिल होते देखा जाता रहा है।

शोएब अख्तर ने भारत-पाक के कारगिल युद्ध को लेकर दिया बयान

भारत के खिलाड़ियों का पाकिस्तान से राजनीतिक रिश्तों को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहा जाता है लेकिन पाकिस्तान के खिलाड़ियों का शुरू से ही इस बात को लेकर किसी ना किसी तरह के बोल देखे और सुने गए हैं।

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कारगिल में भारत से लड़ने के लिए शोएब अख्तर ने छोड़ा था काउंटी क्रिकेट का ऑफर 1

इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज रहे शोएब अख्तर ने अब राजनीतिक रिश्तों को लेकर एक बयान दिया है। शोएब अख्तर ने तो भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध को लेकर अपनी बात कही है।

शोएब अख्तर का दावा, कारगिल युद्ध के कारण काउंटी क्रिकेट का करार ठुकराया

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में जम्मू-कश्मीर के कारगिल में युद्ध लड़ा गया था। 16 हजार फीट की ऊंचाई पर ये युद्ध हुआ था जहां भारत ने पाकिस्तान के 1 हजार से ज्यादा सैनिक मार गिराएं और इस युद्ध में विजय हासिल की थी। इसी युद्ध पर एक शोएब अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

कारगिल में भारत से लड़ने के लिए शोएब अख्तर ने छोड़ा था काउंटी क्रिकेट का ऑफर 2

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पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक रहे शोएब अख्तर ने दावा किया है वो कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने का कारण एक बड़ा काउंटी क्रिकेट का करार ठुकरा दिया था।

मैं सेना के साथ कारगिल युद्ध में लेना चाहता था हिस्सा

शोएब अख्तर ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने कहा कि “शायद ही लोग इस कहानी को जानते हो। मेरे पास नॉटिंघम का 1 लाख 75 हजार पाउंड के करार का प्रस्ताव मिला था। उसके बाद 2002 में एक और बड़ा अनुबंध था। लेकिन मैंने दोनों प्रस्ताव को ठुकरा दिया।”

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अख्तर ने आगे कहा कि

मैं लाहौर की बाहरी सीमा पर था। तभी एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं यहां पर क्या कर रहा हूं। इसके बाद मैंने कहा कि युद्ध शुरू होने वाला है और हम लोग आपके साथ मरेंगे। मैंने दो काउंटी क्रिकेट का प्रस्ताव ठुकराया। इसमें काउंटी भी हैरान थी। लेकिन मैं चिंतित नहीं था। मैंने कश्मीर में एक अपने एक दोस्त को फोन किया और कहा कि लड़ाई के लिए तैयार हूं।”