क्रिकेट प्रसंसको के बिच में यह एक विवाद का मुद्दा बना हुआ है की धोनी की जगह विराट को भारत का कप्तान बनाया जाना चाहिए, और कुछ लोग इसके विपरीत भी है. धोनी ने 2008 में गांगुली के जगह टीम का कार्यभार सम्भाला लेकिन काफी लोगो ने इसकी आलोचना की और कहा की वो दादा (सौरव गांगुली) के जीतना सफल कप्तान नहीं हो सकता, लेकिन धोनी ने सबको गलत साबित किया और एक के बाद एक सीरीज, एक के बाद एक मैच और सबको अपना दीवाना बना लिया. धोनी ने 2007 में टी-20 विश्वकप, 2011 में विश्वकप और 2013 में चैम्पियंस ट्राफी में भारत को जीत दिलायी, ऐसा करने वाले वो अकेले भारतीय कप्तान है.
उनका स्वभाव ही उन्हें बाकि कप्तानो से महान बनता है जैसे गम्भीर समस्याओ के समय भी शांति से फैसला लेना, और हर फैसले को सोच विचार कर लेना, हर समस्या को एक जादुगर की तरह हल कर देना, आज भारतीय क्रिकेट टीम की गरिमा और प्रसिद्धि जितनी भी फैली हुई है वो सिर्फ और सिर्फ धोनी की वजह से ही है.
विराट कोहली भारत के उभरते हुए अच्छे खिलाडियों में से एक है, उनका नशा हर लड़की के सर चढ़ कर बोलता है, लेकिन अभी उन्हें अपने सीनियर खिलाडियों सहवाग, गंभीर, राहुल द्रविड़, युवराज सिंह और खास कर के उनके रोल मॉडल सचिन तेंदुलकर से बहुत कुछ सिखने की जरूरत है, वो हमेशा किसी न किसी विवाद से लोगो और मीडिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते रहते है, उन्होंने आइसीसी अंडर-19 विश्वकप में भारत की अगुवाई की और जीत दिलाई, उन्होंने आरसीबी के लिए भी आइपीएल में कप्तानी की लेकिन सफल नहीं रहे, उन्हें अभी बहुत कुछ सिखने की जरूरत है, हालाँकि वो अपने साथी खिलाडियों रोहित शर्मा, सुरेश रैना इन सबसे बेहतर कप्तान हो सकते है लेकिन अभी उन्हें बहुत कुछ सिखने की जरूरत है.
तो धोनी की जगह विराट को कप्तान बनाया जाना चाहिए? वास्तव में नहीं, क्यूंकि धोनी के अंदर सहनशीलता है, वो टीम को अच्छी तरह से सम्भालना जानते है, धोनी को कुछ समय और टीम का कप्तान बने रहना चाहिए, हालाँकि कोहली का रिकॉर्ड एक कप्तान के रूप में काफी अच्छा है, लेकिन अभी कुछ दिन और उन्हें धोनी की कप्तानी में अपने आप को और मजबूत बनाना चाहिए और कुछ सीखना चाहिए, उसके बाद लगभग 26साल की उम्र में टीम इण्डिया का कार्यभार सम्भालने की तैयारी करनी चाहिए.