पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस समय अपनी बदहाली के दिन जी रहा है. वह अपने क्रिकेट मैदानों का रखरखाव भी करने में असमर्थ है. क्योंकि पकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद के कारण वहां कोई भी टीम दौरा नही करती है. इस कारण उसके सभी मैदानों की घास सूख रही है. स्टेडियम की दीवारे जर्जर हो रही हैं. पीसीबी सभी देशों से कह रहा है कि “पधारो म्हारे देश”. लेकिन किसी भी देश का बोर्ड अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने को तैयार नही होता. पीसीबी की आखिरी उम्मीद श्रीलंकन क्रिकेट बोर्ड से थी क्योंकि आखिरी बार श्रीलंकन टीम ही पाकिस्तान पहुँची थी. और आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुई थी. मगर श्रीलंकन बोर्ड ने सीधे तौर पर पाकिस्तान में खेलने से हाथ खड़े कर दिए.
2०-20 भी खेलने को नही तैयार-
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने लाहौर में अक्तूबर में दो टी20 मैच खेलने का पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का निमंत्रण ठुकरा दिया. पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान ने इसकी पुष्टि की कि इस सप्ताह की शुरूआत में लाहौर में आत्मघाती बम हमले के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट अधिकारियों ने अपनी टीम भेजने से इनकार कर दिया.
श्रीलंका ने दिया दगा-
पाकिस्तान आज अपनी चरमपंथी सोच के कारण अलग-थलग पड़ता जा रहा है. वहां की जनता और चुनी गयी सरकार को अब तयं करना होगा कि उसे आतंकी और विघटनकारी सोच का समर्थन करना है या देश को एक ऐसी दिशा देनी है जहां लोग खुशहाल हों, समस्त देश उससे हाँथ मिलाने को इच्छुक हों.