भारतीय टेस्ट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा वर्तमान समय में रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 131 रन बनाकर सौराष्ट्र को टूर्नामेंट के फाइनल में पहुँचा दिया। अब उनकी टीम का मुकाबला गत विजेता विदर्भ से होगा। सौराष्ट्र ने मैच की अंतिम पारी में 279 रन बनाकर जीत हासिल की। इसके बावजूद पुजारा की काफी आलोचना हो रही है।
दो बार आउट होने के बाद नहीं छोड़ा पिच
रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में कर्नाटक के खिलाफ मैच की दोनों ही पारियों में गेंद ने पुजारा के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर के पास गयी लेकिन अंपायर न्र दोनों बार उन्हें आउट नहीं दिया।
चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि वह पिच छोड़ दें लेकिन दोनों ही पारियों में उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद मैदान पर लोगों ने उन्हें चीटर कहा और सोशल मीडिया पर भी उनकी काफी आलोचना हुई।
राहुल द्रविड़ ने भी किया था ऐसा
पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ भी ऐसा कर चुके हैं। वह भी गेंद आउट होने के बाद पवेलियन नहीं लौटे थे। यह घटना 1999 की है, जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी।
टौपो में हुए सीरीज के पहले वनडे मैच में राहुल द्रविड़ इसी तरह आउट थे लेकिन अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया और उन्होंने भी पिच नहीं छोड़ा। इस मैच में उन्होंने 123 रनों की पारी खेली थी और भारत को जीत भी मिली थी।
टीम के लिए किया ऐसा
राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा ने भले ही वह काम नहीं किया जो एक बेहतर क्रिकेटर से उम्मीद की जाती है लेकिन उन्होंने टीम हित के लिए पिच न छोड़ने का फैसला किया।
Rahul Dravid vs New Zealand Taupo 1999 // Cheteshwar Pujara vs Karnataka Bangalore 2019
They didn’t walk Because their duty is to win matches for games.. so ffs stop this outrage on Che Pu#cheteshwarpujara #RahulDravid #NZvIND pic.twitter.com/p4SXqq95vl
— Vijayendra Kosigi (@kosigi_vijay11) January 28, 2019
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