पुर्व भारतीय लेग स्पिनर अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिती ने एमसीसी को कहा हैं कि, क्रिकेट को संतुलित रखने के लिए एमसीसी को बल्ले के आकार की सीमा तय करनी चाहिए.
जबसे टी ट्वेंटी क्रिकेट और वनडे में नये नियम आए हैं, तबसे क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल बन गया हैं. बल्लेबाज बड़े बड़े स्कोर बना रहें हैं, और गेंदबाज हाथ पर हाथ धरे बैठ रहें हैं. लॉर्ड्स में हुई मिटिंग के दौरान एमसीसी ने कहा था कि, “आईसीसी हमे बल्ले और गेंद को बराबरी का बनाने के लिए कुछ सुझाव दे.”
आईसीसी की समिती ने एमसीसी को कहा कि, “आज कल बल्ले काफी बड़े बन गये हैं, और इस वजह से बल्लेबाज काफी ज्यादा रन बना रहें हैं. आईसीसी ने कहा कि, बल्ले का आकार कितना हो इसकी सीमा एमसीसी को तय करनी चाहिए, जिससे बल्ले और गेंद के बीच हमे अच्छी टक्कर देखने को मिल सके.”
आईसीसी की इस समिती में भारत के पुर्व कप्तान राहुल द्रविड, श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने, और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस भी शामिल थे.
बाद में इस समिती ने क्रिकेटरों के हेलमेट ठीक से ना पहनने पर चिंता जताई. पिछले कुछ सालों में कई क्रिकेटरों के सिर पर चोट लगी हैं, और कुछ क्रिकेटरों की मृत्यु भी हुई हैं. इस विषय पर समिती ने कहा कि, “आईसीसी को गंभीरता से इस विषय पर सोचना चाहिए, और हर क्रिकेटर को बीएसएस के नये हेलमेट पहनने की सख्ती करनी चाहिए.”
अॉस्ट्रेलियन क्रिकेटर फिलीप ह्यूज के मौत के बाद, आईसीसी हेलमेट को लेकर काफी सख्त हो गयी हैं, लेकिन अभी भी पुरी सुरक्षा वाले हेलमेट हर क्रिकेटर इस्तेमाल नहीं करता. तो वहीं बल्ले के आकार को लेकर जल्द से जल्द कुछ ना कुछ एमसीसी को निर्णय लेना ही होगा, नहीं तो भविष्य में अच्छे गेंदबाज मिलना मुश्किल हो जाएगा.