स्मृति मंधाना ने बताया, आखिर क्यों पुरुषों के मुकाबले उन्हें बीसीसीआई से मिल रहे कम पैसे 1

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पिछले हफ्ते ही खिलाड़ियों के सालाना कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा कर दी थी। इसमें महिला क्रिकेटरों के साथ ही पुरुष सीनियर क्रिकेट टीम को 2019-20 के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। पुरुष क्रिकेटरों को जहां सबसे कम एक करोड़ रुपए मिले वहीं महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा 50 लाख रुपए मिलते हैं।

स्मृति मंधाना ने दी प्रतिक्रिया

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बीसीसीआई पर हमेशा महिला क्रिकेटरों को कम पैसे देने का आरोप लगता है। भारतीय बल्लेबाजी स्मृति मंधाना ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है। रिपोर्टरों से बात करते हुए उन्होंने इस बारे में पूछे जाने से कहा

“हमें यह समझने की जरूरत है कि हमें जो रेवेन्यू मिलता है वह पुरुषों की क्रिकेट से आता है। जिस दिन महिला क्रिकेट को रेवेन्यू मिलना शुरू होगा, मैं यह कहने वाली पहली व्यक्ति बनूंगी कि हमें उसी चीज की जरूरत है। लेकिन अभी, हम ऐसा नहीं कह सकते।”

हम ऐसा नहीं सोचते

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स्मृति मंधाना का कहना है कि वह या फिर उनकी साथी खिलाड़ी कभी इस बारे में नहीं सोचतीं। वह भारत को मैच में जीत दिलाकर दर्शकों को महिला क्रिकेट देखने के लिए मैदान पर लाना चाहती है। उन्होंने इसपर बोलते हुए कहा

“मुझे नहीं लगता कि टीम का कोई भी खिलाड़ी इस अंतर के बारे में सोच रहा है, क्योंकि अभी एकमात्र फोकस भारत के लिए मैच जीतने, लोगों को मैदान तक लाना और रेवेन्यू हासिल करना है। यही वह चीज है जिसके लिए हम लक्ष्य बना रहे हैं और अगर ऐसा होता है तो अन्य सभी चीजें भी सही होंगी।”

इतना है दोनों में अंतर

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पुरुष क्रिकेट में ग्रेड ए प्लस को 7 करोड़, ए को 5 करोड़, बी को 3 करोड़ और सी को एक करोड़ रुपए मिलते हैं। महिला क्रिकेट की बात करें तो वहां यह राशि काफी कम है। ग्रेड ए के खिलाड़ियों को 50 लाख रुपए ही मिलते हैं। ग्रेड बी में शामिल की गई खिलाड़यों को 30 लाख और सी को 10 लाख रुपए दिए जाते हैं।