आशीष नेहरा

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली मौजूदा वक्त में बीसीसीआई प्रेसिडेंट के रूप में काम कर रहे हैं. मगर यदि दादा की कप्तानी के दिनों को याद किया जाए तो वह एक सफल कप्तान रहे. गांगुली को टीम इंडिया का जौहरी कहा जाता था क्योंकि उन्होंने युवा खिलाड़ियों को तराशकर मैच विनर खिलाड़ी बनाया. अब एक लाइव चैट के दौरान पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने खुलासा किया है कि सौरव गांगुली अपने खिलाड़ियों के लिए किसी से भी लड़ जाते थे.

जिसकी कप्तानी में खेला उसके बारे में बता सकता हूं

सौरव गांगुली

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कोरोना वायरस के चलते इन दिनों सभी खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिए क्रिकेट फैंस से जुड़े रहते हैं. अब मशहूर भारतीय कमेंटेटर व पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के शो में ऑनलाइन शामिल हुए आशीष नेहरा ने कप्तानों पर चर्चा की. उन्होंने कहा,

मुझसे यह सवाल कई बार पूछा गया कि गांगुली और धोनी में कौन बेहतर था? मैंने उन्हें बताया कि भारत 2000 से पहले भी क्रिकेट खेल रहा था. तब कपिल देव, सुनील गावस्कर, वेंकट राघवन और अजित वाडेकर जैसे कप्तान थे.

यदि आप मोहिंदर अमरनाथ या मदनलाल से बेस्ट कप्तान के बारे में पूछेंगे तो वह कपिल देव या गावस्कर का नाम लेंगे. कोई भी मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम नहीं लेगा. मैं उन्हीं के बारे में बता सकता हूं, जिनके नेतृत्व में मैं खेला और वह हैं- गांगुली और धोनी. मैं दूसरे कप्तानों के नेतृत्व में अधिक नहीं खेला.

धोनी-गांगुली को आता था खिलाड़ी से बेहतर निकलवाना

आशीष नेहरा ने 1999 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत के लिए डेब्यू किया. इसके बाद वह सौरव गांगुली  महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में लगातार खेलते रहे. अब नेहरा ने दोनों कप्तानों की तारीफ करते हुए कहा,

ये दोनों कप्तान ही खिलाड़ियों से बेहतर निकलवाना जानते थे. गांगुली के पास नई टीम बनाने की चुनौती थी, जबकि धोनी के पास गैरी कर्स्टन जैसा कोच था और तैयार टीम थी. सीनियर खिलाड़ियों को लीड करने की चुनौती उनके पास जरूर थी.

गांगुली खिलाड़ियों के लिए चयनकर्ताओं से भी लड़ते

सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भले ही टीम इंडिया को कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिताई, मगर उन्होंने टीम में मैच विनर खिलाड़ी तैयार किए, जिन्होंने आगे चलकर एमएस धोनी को खिताबी जीत दिलाने में मदद की. गांगुली ने अपनी कप्तानी में आशीष नेहरा को काफी अधिक बैक किया. आशीष नेहरा ने गांगुली की कप्तानी की खासियत के बारे में बात करते हुए कहा,

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 गांगुली के साथ एक अच्छी बात यह थी कि वह खिलाड़ियों को चुनते थे और उनके लिए चयनकर्ताओं से भी लड़ते थे.