ऋषभ पन्त विश्व कप 2019 के बाद से भारतीय टीम के प्रमुख विकेटकीपर बने हुए हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा, लेकिन वनडे और टी-20 में लगातार खेल रहे हैं। उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यही वजह है कि लगातार वनडे और टी-20 में खेलने का मौका भी मिला रहा है।
नहीं रुक रहीं गलतियां
ऋषभ पन्त ने फरवरी 2017 में भारत के लिए अपना पहला मुकाबला खेला था। इंटरनेशनल करियर में जल्द ही उनके तीन साल पूरे होने वाले हैं लेकिन गलतियों का सिलसिला लगातार जारी है। इसी वजह से उन्हें टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से बाहर होना पड़ा है।
वनडे और टी-20 में उनका बल्ला तो शांत हैं ही, विकेट के पीछे भी फ्लॉप रहे हैं। डीआरएस लेने में लगातार फिसड्डी साबित हो रहे पन्त ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टी-20 मुकाबले में स्टंप करने के लिए गेंद विकेट के आगे से पकड़ी। इसी वजह से बल्लेबाज आउट होने के बाद भी बच गया।
ऋषभ पन्त पर बोले दादा
भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ऋषभ पन्त के प्रशंसक रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ बड़ी गलती के बाद उनकी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने पन्त के खेल पर कहा
“वह एक शानदार खिलाड़ी हैं। ऋषभ पंत को समय दीजिए, वह ठीक हो जाएंगे। वह धीरे-धीरे परिपक्व होगा, आपको उसे समय देना होगा। भारत ने कल रात में अच्छा क्रिकेट खेला।”
बल्ला भी रहा है खामोश
टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पन्त ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाया था। हालाँकि, विकेट के पीछे खराब प्रदर्शन की वजह से उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर पड़ा है। वनडे और टी-20I में विकेट के पीछे जूझने के साथ ही वह बल्ले से भी जूझते दिखे हैं।
अभी तक खेले 12 वनडे के 10 पारियों में 22.9 की औसत से 229 रन बनाये हैं। इसमें कोई शतक या अर्धशतक नहीं है। टी-20I में उन्होंने 20 पारियों में 20.71 की औसत से 352 रन बनाये हैं। इसमें दो अर्धशतक शामिल है।