भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सौरव गांगुली जल्द ही बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की शपथ लेने वाले हैं। भारतीय क्रिकेट के सबसे बेहतरीन कप्तानों में गिने जाने वाले गांगुली ने 2008 मे क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उसके बाद 2013 में अब क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) के अध्यक्ष बनाये गये थे।
हितों का टकराव बड़ा मामला
भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ समय से हितों का टकराव मामला लगातार चर्चा में रहा है। बीसीसीआई या फिर किसी राज्य बोर्ड और भारतीय टीम से जुड़ा कोई भी सदस्य किसी अन्य पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकता है।
पिछले कुछ महीने में सौरव गांगुली का नाम लगातार हितों के टकराव मामले में सामने आता रहा है। क्रिकेट सलाहकार समितिरहते हुए वह दिल्ली कैपिटल्स के साथ सलाहकार के रूप में जुड़े थे और उस समय इस विवाद ने काफी तूल पकड़ा था।
क्या- क्या छोड़ना पड़ेगा?
बीसीसीआई का अध्यक्ष बनते ही सौरव गांगुली को दिल्ली कैपिटल्स से अलग होना पड़ेगा। इसके साथ ही वह स्टार स्पोर्ट्स के लिए कमेंट्री भी करते हैं। उन्हें अध्यक्ष बनने के बाद यह काम भी छोड़ना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्हें विभिन्न प्लेटफार्म के लिए लिखने वाले कॉलम में बंद करना पड़ेगा। स्टार स्पोर्ट्स ने दादा के हवाले से लिखा
“मैं केवल (बंगाली टीवी शो) दादागिरी और विज्ञापन जारी रखूंगा, बाकी सब बंद हो जाएगा। कमेंट्री, लेख लेखन और आईपीएल, मैं अब यह सब करना बंद कर दूंगा। मैंने पहले ही दिल्ली कैपिटल्स को छोड़ दिया और उन्हें यह बता दिया। यह एक बड़ी जिम्मेदारी है और पहला काम एपेक्स काउंसिल की बैठक बुलाकर विभिन्न समितियों का गठन करना होगा।”
कई बड़े नाम विवाद में आ चुके हैं
हितों के टकराव मामले में सौरव गांगुली के साथ ही राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण जैसे नाम आ चुके हैं। द्रविड़ इस समय नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख होने के साथ ही इंडिया सीमेंट के उपाध्यक्ष हैं और इसी वजह से बीसीसीआई के लोकपाल रिटायर जस्टिस डीके जैन उनपर जल्द फैसला सुनने वाले हैं।