नई दिल्ली, 5 दिसम्बर; भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट संघ (सीएबीआई) के अध्यक्ष जी.के. महंतेश ने सोमवार को खेल मंत्रालय से संघ को मान्यता देने का आग्रह किया। महंतेश देश में दृष्टिहीन क्रिकेट खेल को बढ़ावा देने के लिए संघ को मान्यता दिए जाने का आग्रह कर रहे हैं।
सीएबीआई के संरक्षक के रूप में काम कर रही संस्था समर्थनम ट्रस्ट के संस्थापक प्रबंधन ट्रस्टी महंतेश ने आईएएनएस को बताया, “हमें अब कार्पोरेट जगत और सरकार से कुछ वित्तीय सहायता मिलनी शुरू हुई है। हालांकि, इसे सतत बनाए रखने के लिए हमें खेल मंत्रालय से मान्यता की आवश्यकता है। हमारी टीम ने इतनी चैम्पियनशिप जीती हैं और ऐसे में हमें इतना इंतजार तो नहीं करना चाहिए था।”
महंतेश ने कहा, “भारत में क्रिकेट एक धर्म है और हम चाहते हैं कि दृष्टिहीन क्रिकेट भी देश में लोकप्रिय हो।”
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को समर्थनम ट्रस्ट को ‘एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विध डिसएबिलिटीज’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री थवरावर्धन गहलोत की उपस्थिति में विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में समर्थनम ट्रस्ट को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारत की दृष्टिहीन विश्व कप टीम ने अब तक टी-20 विश्व कप (2012), चौथा वनडे विश्व कप चैम्पियनशिप (2014) और टी-20 एशिया कप (2016) के साथ-साथ दूसरे टी-20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है।
महंतेश ने कहा कि भारतीय टीम ऐसी उपलब्धि हासिल करती रहे। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए संघ को भारत सरकार से मान्यता मिलने की जरूरत है।
महंतेश ने कहा कि इस मान्यता से खिलाड़ियों को तरक्की, नौकरी मिलेगी और इसके साथ सरकार की ओर से कई पुरस्कार मिलेंगे।
भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शेखर नाइक को भी इस समारोह में राष्ट्रपति कोविंद ने पुरस्कृत किया था।