एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में खेल प्रयोजन 19.33% बढ़कर 6,400 करोड़ रुपये हो गया है, जोकि वर्ष 2015 में 5363.3 करोड़ रुपये थी.
2016 में भारत में विज्ञापन व्यय में 55,671.0 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, खेल प्रायोजन पूरे विज्ञापन में 11.5 फीसदी हिस्सा बनाते हैं. विडियो : तेज़ गेंदबाज़ के साथ पीटर नेविल ने किया ऐसी असाधारण स्टम्पिंग, जैसा आज तक धोनी भी नहीं कर सके
स्पोर्ट्सपावर की रिपोर्ट में कहा गया है, कि मीडिया खर्च 24.63 प्रतिशत बढ़कर 3510.8 करोड़ रुपये से 2816.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
रिपोर्ट में बताया गया, जमीन पर प्रायोजन 1030.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1165.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, टीम प्रायोजन 558.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 699.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, फ्रैंचाइजी फीस 541.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 548.0 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जबकि 416.4 करोड़ रुपये की कमाई 476.4 करोड़ रुपये हो गई हैं.
जमीन प्रायोजन के संदर्भ में, वर्ष 2016 में कबड्डी में क्रिकेट से ज्यादा विकास देखने को मिला हैं.
रिपोर्ट में बताया गया, “जमीन प्रायोजन 2015 में 1030.5 करोड़ रुपये से 2016 में 1165.2 करोड़ रुपये हुआ, और क्रिकेट ने 33.2 करोड़ रुपये में पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी की है, इससे कबड्डी खजाने को और अधिक बढ़ा दिया था. अतिरिक्त स्त्रोतों से 74.0 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई.”
क्रिकेट के लिए जमीन प्रायोजन 2016 में 6.27 प्रतिशत बढ़कर 522.5 करोड़ रूपये से बढ़कर 562.7 करोड़ हो गया. OMG: शादी कर फँस गये युवराज सिंह, पत्नी हेजल ने कर दी है इस दिग्गज की ऐसी हालत
दो-सीजन प्रो कबड्डी लीग और भारत ने अहमदाबाद में कबड्डी विश्व कप की मेजबानी करते हुए, खेल के लिए जमीन प्रायोजन पर 154 फीसदी की बढ़ोतरी किया, जिससे फुटबॉल देश का नंबर दो खेल के रूप में संचालित करने में सक्षम हुआ. इस दौरान कबड्डी ने 48 करोड़ रुपये के मुकाबले 122 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
फुटबॉल के जमीन प्रायोजन पर 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर से 114 करोड़ रूपये हो गई, जोकि वर्ष 2015 में 109.5 करोड़ थी.
यह उल्लेख किया है, कि भारत में, खेल दर्शकों की संख्या अब पुरुषों का वर्चस्व नहीं है, क्योंकि महिलाएं और बच्चे दर्शकों की प्रतिशत एक महत्वपूर्ण हिस्से में शामिल होते हैं. रांची में चोट के कारण मैदान से बाहर जाने के बाद भी आई विराट कोहली और उनके प्रशंसको के लिए बड़ी खबर
“खेल दर्शकों में पुरुषों के वर्चस्व के दिन चले गए हैं. साल में दर्शकों से कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा महिलाओं और बच्चों से आया है. यह ब्रांडों के विश्वास के लिए बहुत अधिक वांछित है, और नए मैदानों के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े हैं.”
ईएसपी प्रॉपर्टीज के प्रमुख हेनंत कर्णिक ने कहा, “प्रायोजकों के लिए क्रिकेट का पोस्टर बच्चा बना हुआ है, और यह गैर-क्रिकेट के खेल में भी राजस्व का मिलान करने के लिए एक उचित छलांग है.”