आईपीएल फिक्सिंग विवाद में बैन झेल रहे पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में अपने पक्ष रखा है। उन्होंने बीसीसीआई द्वारा लगाया गया आजीवन बैन को भी गलत बताया है। इसके साथ ही अपने आरोप कबूलने की बात पर उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस से डरकर उन्होंने फिक्सिंग की बात कबूल की थी।
वकील ने रखा पक्ष
श्रीसंत के वकील सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखा और कहा कि भारतीय गेंदबाज पर लगाया गया बैन पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने कहा
“तथ्यों और जिस तरह से ये चीजें हुई हैं उन्हें देखते हुए, इस अदालत को इस बात पर विचार करना चाहिए कि यह (बीसीसीआई द्वारा श्रीसंत पर आजीवन पाबंदी) अनुचित है। उन्होंने बीते पांच छह साल में बहुत परेशानी झेली है। लोग चाहते हैं कि वह क्रिकेट खेलें। वह बीसीसीआई के प्रति अत्यंत ईमानदार हैं।’
कोई सबूत नहीं
जिस मैच की वजह से श्रीसंत को बैन किया गया था, वह आईपीएल 2013 में मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया था। अपनी सफाई पेश करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा
“यह साबित नहीं हुआ कि मई 2013 में मोहाली में राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब टीमों के बीच इंडियन प्रीमियर लीग के मैच में कोई स्पॉट फिक्सिंग हुई थी और इसके कोई सबूत नहीं हैं कि क्रिकेटर को इसके लिए कोई धन प्राप्त हुआ।”
कोर्ट ने हटा दिया था बैन
केरल हाई कोर्ट ने 2017 में श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था। इसके बाद बीसीसीआई ने इसके खिलाफ पेटिसन डाला। इसमें तेज गेंदबाज पर से हटाये गये बैन को फिर से लगाने की मांग की गयी थी।
उसू साल अक्तूबर में मुख्य न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन ने आजीवन प्रतिबंध को एक बार फिर से लागू कर दिया। इसी वजह से श्रीसंत कोई क्रिकेट मैच नहीं खेल सकते।
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