श्रीलंका के स्पिन गेंदबाज अजंता मेंडिस ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने साल 2008 में श्रीलंका के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। शुरुआत में ही उन्होंने अपनी छाप छोड़ी लेकिन जल्द ही उनके प्रदर्शन में गिरावट आने लगी। उन्होंने अपनी मिस्ट्री गेंदबाजी से सभी बल्लेबाजों को जमकर परेशान किया था।
ऐसा रहा करियर
अजंता मेंडिस ने अपने करियर में 19 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उनके नाम 70 विकेट है। भारत के खिलाफ खेली अपनी पहली टेस्ट सीरीज में उन्होंने कमाल किया था। तीन मैचों की सीरीज में उनके नाम 26 विकेट थे।
वनडे मैचों में भी उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा था। सिर्फ 87 वनडे मैचों में उनके नाम 152 विकेट दर्ज थे। वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी मेंडिस के नाम दर्ज है। उन्होंने सिर्फ 19 मैचों में यह कारनामा कर दिया था।
टी-20 में भी कई रिकॉर्ड
अजंता मेंडिस ने 2008 में ही अपना टी-20 डेब्यू किया था। 39 टी-20 मैच में उनके नाम 66 विकेट दर्ज हैं। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 6.45 की इकॉनमी से रन खर्च किये थे। उन्हें 2008 में आईसीसी ने इमर्जिंग प्लयेर ऑफ द इयर का अवार्ड भी दिया था।
टी-20 इंटरनेशनल के किसी मैच में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी का रिकॉर्ड भी मेंडिस के नाम ही दर्ज है। उन्होंने साल 2012 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 पर देकर 6 विकेट लिए थे। टी-20 इंटरनेशनल में अभी तक 3 बार मैच में 6 विकेट लिए गये हैं और दो बार मेंडिस ने ही यह कारनामा किया है।
2015 में खेला अंतिम मैच
34 वर्षीय अजंता मेंडिस ने साल 2015 में अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच खेला था। उन्होंने 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था। अंतिम तीन टेस्ट पारियों में उन्हें कोई सफलता भी नहीं मिली।
एशिया कप 2008 के फाइनल में उन्होंने भारत के लिए 13 रन देकर 6 विकेट लिया था। इसी प्रदर्शन के बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई थी। कोई भी बल्लेबाज उनकी कैरम गेंद को नहीं पढ़ पाता था।
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